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ओडिशा में खनिजों की है प्रचुरता और निवेशकों के लिए बड़े हैं बड़े अवसर
भुवनेश्वर। ओडिशा के इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल कुमार मल्लिक ने सुझाव दिया कि प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल खनन पर ध्यान देना चाहिए। राजधानी स्थित जनता मैदान में आयोजित मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2022 में खनिज बहुतायत: उद्योग और राज्य के लिए अवसर विषय पर बिजनेस लीडरशिप टॉक को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि ओडिशा में खनिजों की प्रचुरता है और यहां निवेशकों के लिए बड़े अवसर हैं। उन्होंने पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार के 5-टी हस्तक्षेप के तहत ओडिशा में अत्यधिक पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
इस मौके पर इस्पात और खदान के प्रधान सचिव देवरंजन कुमार सिंह ने इस क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ओडिशा सरकार की खनिज नीलामी, अन्वेषण, संशोधित एलटीएल नीति और कच्चे माल की निकासी योजनाओं के बारे में प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीलामी के अगले चरण में आयरन, बॉक्साइट और मैंगनीज ब्लॉक के सर्वोत्तम संसाधनों को लगाने की योजना है। उन्होंने कहा कि ओडिशा माइनिंग एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन (ओएमईसीएल) के साथ पूर्ण संसाधन मानचित्रण के लिए अन्वेषण प्रमुख फोकस में से एक है।
उन्होंने बताया कि ओडिशा खनन निगम (ओएमसी) की दीर्घकालिक लिंकेज नीति को नया रूप दिया गया है और फिर से लिखा गया है, जिसके अनुसार ओएमसी द्वारा उत्पादित खनिजों का 80% दीर्घकालिक लिंकेज खिलाड़ियों को दिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लघु और मध्यम उद्योग के खिलाड़ी सुरक्षित हैं और इसका लाभ उठाया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कच्चे माल की निकासी योजना के लिए एक बहुत मजबूत तंत्र तैयार कर रही है जो स्लरी पाइप लाइन और रेल नेटवर्क को प्राथमिकता देकर सड़क परिवहन को काफी हद तक कम कर देगी। इस मौके पर संबंधित क्षेत्रों से जुड़े अधिकारी और प्रतिनिधि तथा निवेशकों की उपस्थित रही।