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विपक्ष ने लगाया गलत डेटा देने का आरोप
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कोरोना से कुल मौत पर श्वेतपत्र लाने की मांग
भुवनेश्वर। ओडिशा में साल 2020 से 2022 के बीच कल तक कोविद-19 से संक्रमित होने के बाद 20,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। यह जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मल्लिक ने कल ओडिशा विधानसभा में दी। रायरंगपुर से भाजपा विधायक नवचरण मांझी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में 2020 से 2022 के बीच कोविद महामारी के दौरान अब तक 20,000 से अधिक लोग कोविद-19 से संक्रमित होने के बाद मर चुके हैं।
हालांकि राज्य सरकार की वेबसाइट पर जो डेटा साझा किये गये हैं, उसमें कोविद से 9 नवंबर, 2022 तक 9,204 लोगों की जान जाने का उल्लेख है, लेकि राज्य सरकार ने गुरुवार को ओडिशा विधानसभा को सूचित किया कि कोविद ने 2020 और 2022 के बीच ओडिशा में 20,000 से अधिक लोगों की जान ली है, लेकिन उन्होंने भी सही पूरा आंकड़ा नहीं बताया। इससे भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा कोविद मौतों और कोविद-19 प्रबंधन को छिपाने के प्रयास विफल हो गये हैं। राज्य सरकार का डेटा छुपाने का प्रयास बेनकाब हो गया है। भाजपा का दावा है कि ओडिशा में कोविद से हुई मौतें राज्य सरकार द्वारा बताए गए आंकड़ों से कहीं अधिक हैं। सच्चाई छिपाने के बजाय, राज्य सरकार को राज्य में कोरोना से हुई मौतों की सही संख्या पर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए।
विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने कहा कि ओडिशा सरकार कोविद हताहतों की सही संख्या पेश करने में असमर्थ है और गलत जानकारी साझा की है। सरकार के लिए यह उचित होगा कि वह राज्य में कोविद से हुई मौतों के बारे में सटीक डेटा साझा करे।
इसी तरह, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश में कोविद प्रबंधन में नंबर 1 होने का दावा करने वाली राज्य सरकार का मुखौटा अब उतर गया है।
कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि ओडिशा में कोविद के कारण औसतन 20,000 लोग मारे गये। आज कोविद-19 प्रबंधन के लिए अपनी पीठ थपथपाने के ओडिशा सरकार के झूठ का पर्दाफाश हो गया है।
विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देते हुए, राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री प्रमिला मल्लिक ने कहा कि विपक्ष के पास कोविद मौतों की कौन सी सूची है? यदि उनके पास जिलेवार सूची है तो उन्हें इस तरह के आरोप लगाने के बजाय राज्य सरकार को सौंपना चाहिए।