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युवा कांग्रेस ने मंत्री पद्मनाभ बेहरा से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन
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उल्लंघन के लिए अधिकतम दंड 1,000 रुपये करने को मांग भी रखी
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स्थिति की समीक्षा के बाद ही कानून में रियायत देने के संबंध में होगा निर्णय – परिवहन मंत्री
भुवनेश्वर. युवा कांग्रेस ने शनिवार को ओडिशा में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत यातायात नियमों में छह महीने की छूट देने की मांग की है. शनिवार को अपने अध्यक्ष लोकनाथ महारथी के नेतृत्व में पार्टी की युवा शाखा के एक प्रतिनिधिमंडल ने ओडिशा के परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहरा से मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. इसके अलावा, कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने यातायात उल्लंघन के लिए अधिकतम दंड 1,000 रुपये करने की भी मांग की है. सदस्यों ने कहा कि हम ट्रैफिक नियमों को लागू करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम हजारों और लाखों रुपये का जुर्माना वसूलने पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि नियमों का उल्लंघन करने वालों से अधिकतम केवल एक हजार रुपये ही वसूला जाये, क्योंकि इससे उल्लंघन करने वालों के बीच भी वैसी ही जागरूकता पैदा होगी. वतर्मान में राज्य में उचित बुनियादी ढांचे का अभाव है जो ड्राइविंग लाइसेंस जैसे आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है. महारथी ने कहा कि अधिकारियों को एक ही दिन में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए विशेष उपाय शुरू करने चाहिए, जो देश के कुछ राज्यों में किया जा रहा है. वतर्मान में विभिान्न स्थानों पर नो-पार्किंग, नो-इंट्री जोन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के बारे में कोई उचित संकेत नहीं हैं. इसके अलावा लोग ड्राइविंग लाइसेंस सहित विभिन्न दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए आरटीओ कार्यालयों में कतार लगा रहे हैं. महारथी ने कहा कि लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए भारी जुर्माना लगाना कभी भी स्थायी समाधान नहीं हो सकता है.
इधर, युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा इस संबंध में ज्ञापन सौपे जाने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहरा ने कहा कि वर्तमान में स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही नया मोटर यान कानून में रियायत देने के संबंध में निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किस परिवहन कार्यालय़ में कितने लाइसेंस व अन्य कागजाद प्रदान करने के लिए आवेदन किये गये हैं तथा कितने लंबित हैं, इसे लेकर वह विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद यदि लगा तो इस बात को मुख्यमंत्री के पास पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों को सहुलियत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने छह माह तक इस कानून को लागू करने में रियायत दी थी. उन्होंने कहा कि यह कानून केन्द्र सरकार का है और इसमें जुर्माना राज्य सरकार कम नहीं कर सकती.