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कैजुअल एनिमल बर्थ कंट्रोल योजना फिर से लागू

  • भुवनेश्वर में लगभग 60 हजार हैं आवारा कुत्ते

भुवनेश्वर। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) कैजुअल एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) योजना को फिर से लागू कर दिया है। राजधानी शहर में आवारा कुत्तों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए यह कदम उठाया है। बताया जाता है कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में लगभग 60 हजार आवारा कुत्ते हैं। लगभग हर दिन सड़कों और राजमार्गों पर इन कुत्तों के उत्पात के कारण 100 से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हो रहे हैं तथा यहां कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं।
बताया गया है कि राजधानी में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने कुत्तों के बीच बांझपन विकसित करने के लिए कैजुअल एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) योजना अपनाई थी, लेकिन इसे बीच में रोक दिया गया था, जिससे कुत्तों की संख्या काफी इजाफा हुआ।
पशुधन सर्वेक्षण-2019 के अनुसार, राज्यभर में करीब 17.34 लाख कुत्ते थे। हालांकि, 2012-19 के दौरान कुत्तों की संख्या में वृद्धि लगभग दोगुनी हो गई थी। भुवनेश्वर शहर में अब 60 हजार से अधिक आवारा कुत्ते रह रहे हैं।
आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने, कुत्ते के काटने के मामलों और उनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए, शहरी स्थानीय निकाय साल 2008 से कैजुअल एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) योजना लागू कर रहा था। पिछले 12 वर्षों के दौरान 28,322 आवारा कुत्तों थे। इसे साल 2020 से रोक दिया गया, जिसके कारण घनी आबादी वाले शहर में स्ट्रीट डॉग्स का अधिक जन्म हुआ। हालांकि, इसे हाल ही में 16 नवंबर से फिर से शुरू किया गया है। हालांकि बीएमसी पालतू-कुत्ते पालने वालों के लिए नियम-कायदे लागू करने जा रहा है। भुवनेश्वर में कुत्तों के खतरे को नियंत्रित करने के लिए एबीसी एकमात्र वैज्ञानिक तरीका है।

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