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एनसीआरबी की ओर से जारी नये आंकड़ों से हुआ खुलासा
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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जतायी खुशी
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वर्चुअल प्लेटफॉर्म से जुड़े राज्य के सभी अधिकारियों को ‘ईमानदारी की शपथ’ दिलाई
भुवनेश्वर। ओडिशा का सतर्कता विभाग देश में नंबर वन पर है। इस बात का खुलासा एनसीआरबी की ओर से जारी किये गये नये आंकड़ों से हुआ है। यह जानकारी आज यहां ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने देते हुए कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि आय से अधिक संपत्ति के मामलों का पता लगाने और मामले दर्ज करने को लेकर ओडिशा सतर्कता विभाग देश में नंबर 1 स्थान पर है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सोमवार को वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिये सतर्कता जागरुकता सप्ताह के अवसर पर राज्यस्तरीय समारोह में को संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन यहां के कन्वेंशन सेंटर में किया गया था। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय “एक विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत” है।
इस दौरान नवीन पटनायक ने सतर्कता विभाग के अधिकारियों से उन्नत तकनीकी का प्रयोग करके उन्नयन लाने और अधिक पेशेवरों को शामिल करके इसके बहु-विषयक रूप का विस्तार करके भ्रष्टाचार विरोधी विंग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए कहा। पटनायक ने कहा कि यह दिन हर क्षेत्र में लगातार बदलती तकनीकी और पेशेवर प्रगति का दिन है।
ओडिशा सतर्कता को भ्रष्टाचार विरोधी क्षेत्र में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना चाहिए ताकि सतर्कता संगठन की क्षमता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित भारत में अपराध-2021 के नवीनतम आंकड़ों प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीनों में ओडिशा विजिलेंस ने ट्रैप मामले में सबसे अधिक नकदी की जब्त की है। एक घर की तलाशी के दौरान सबसे अधिक नकदी की जब्ती हुई है। संपत्तियों और सबसे अधिक राशि का पता लगाकर नये रिकॉर्ड बनाए हैं।
भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का दृष्टिकोण
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का दृष्टिकोण अपनाया है, ताकि जमीनी स्तर पर लोगों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं उपलब्ध हों और कल्याणकारी तथा विकासात्मक योजनाओं का लाभ समाज के पिछड़े और गरीबों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि मो सरकार जैसे सक्रिय कदमों के साथ हम लोगों को उनके सही अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोकतंत्र में अंतिम स्वामी हैं।
पटनायक ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म से जुड़े राज्य के सभी अधिकारियों को ‘ईमानदारी की शपथ’ दिलाई।