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निष्पक्ष उपचुनाव कराने को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की घोषणा
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उपचुनाव के लिए 1108 मतदानकर्मियों की होगी तैनाती
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सुरक्षा की चाक-चौबंद होगी व्यवस्था
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106 बूथ संवेदनशील बूथ के रूप में चिह्नित
भुवनेश्वर। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सुशील कुमार लोहानी ने बुधवार को कहा कि धामनगर विधानसभा का उपचुनाव कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निष्पक्ष रूप से संपन्न होगा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि एक भी स्थानीय निवासी कर्मचारी मतदान कराने के लिए तैनात नहीं होंगे। लोहानी ने बताया कि उपचुनाव के लिए 1108 मतदान कर्मियों को तैनात किया जाना है।
यह निर्णय लिया गया है कि वे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता, निर्वाचन क्षेत्र के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। इसके साथ ही वे निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी सेवक के रूप में तैनात नहीं होने चाहिए। यही नियम पुलिसकर्मियों पर भी लागू होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल चार कंपनियां उपचुनाव के लिए तैनात की जायेंगी। इसके अलावा ओडिशा पुलिस की 10 प्लाटून तैनात की जायेगी। उपचुनाव के लिए दो केंद्रीय पर्यवेक्षक निरंजन कुमार और प्रणेश गुप्ता को तैनात किया गया है। इस बीच, 496 मतदाताओं के डाक मतपत्र एकत्र किये गये हैं और चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है। कुल 2,38,417 मतदाता मतदान करेंगे।
50 प्रतिशत बूथों पर वेबकास्टिंग की जायेगी। एक नवंबर को भद्रक जिलाधिकारी कार्यालय परिसर से मतदान कर्मियों को रवाना किया जायेगा। 106 बूथों को संवेदनशील बूथ के रूप में चिह्नित किया गया है। इन बूथों पर वेबकास्टिंग के अलावा कुछ माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये जायेंगे।
अब तक 641 लाइसेंसी हथियार जमा
लोहानी ने बताया कि अब तक विभिन्न थानों में 641 लाइसेंसी हथियार जमा किये गये हैं। 1909 व्यक्तियों पर सीआरपीसी की धारा 107 और 116 के तहत मामला दर्ज किये गये हैं, 172 गैर-जमानती वारंट निष्पादित किये गये हैं और 15 लाख रुपये की आबकारी सामग्री की गई है। इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को विकृति करने को लेकर 1287 और निजी संपत्ति को लेकर 27 मामले दर्ज किये गये थे, जिनकी पहचान की गई और उन्हें हटा दिया गया।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर हुई त्वरित कार्रवाई
विभिन्न राजनीतिक दलों से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी शिकायतें मिली हैं। लोहानी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की गई।