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संविदा भर्ती प्रणाली को समाप्त करने का विरोध

  •  भाजपा ने पूछा- राज्य के 8।80 लाख पंजीकृत बेरोजगारों को कब मिलेगी नियुक्ति

  •  क्या 57,000 संविदा कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन मिलेगा – जयनारायण

  •  कांग्रेस ने कहा- धामनगर उपचुनाव में मतदाताओं को लुभाने का प्रयास

भुवनेश्वर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने संविदा भर्ती प्रणाली को समाप्त करने के संबंध में सरकार की घोषणा का कड़ा विरोध किया है।
विपक्ष के नेता जय नारायण मिश्र ने मीडिया से कहा कि सरकार को पहले की तरह युवाओं को निराश नहीं करना चाहिए। यह घोषणा करके सरकार 2013 में की गई गलती को सुधारने का प्रयास कर रही है। मिश्र ने सवाल किया कि प्रदेश के 8 लाख 80 हजार पंजीकृत बेरोजगार युवकों को कब मिलेगी नियुक्ति? मिश्रा ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने का आग्रह करते हुए सवाल किया कि इस घोषणा से किन विभागों के कितने संविदा कर्मचारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या 57,000 संविदा कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन मिलेगा।
कांग्रेस ने भी सरकार की घोषणा का कड़ा विरोध किया। पार्टी ने कहा कि घोषणा धामनगर उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है। कांग्रेस ने कहा कि यह एक अच्छा निर्णय है लेकिन इसे पहले किया जाना चाहिए था। अब सरकार ने वोट हासिल करने के इरादे से ऐसा किया है। अगर उपचुनाव के बाद घोषणा होती तो हमें और खुशी होती।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयदेव जेना ने कहा कि मुझे लगता है कि यह युवा मतदाताओं को लुभाने और धामनगर उपचुनाव जीतने के लिए बीजू जनता दल द्वारा खेली गई चाल है।
भाजपा और कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोपों के जवाब में बीजद नेता शशि भूषण बेहरा ने कहा कि ऐसे समय में जब राज्यभर में 57,000 परिवार सरकार के फैसले पर खुशी मना रहे हैं, ऐसे बयान देने वाला विपक्ष केवल उनके असली रंग को प्रकट करता है।

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