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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की मिली सजा
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कहा- सरकार को पत्र लिखेंगे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग करेंगे
जाजपुर। जाजपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना महंगा पड़ गया है। उन्हें कलाहांडी स्थानांतरित कर दिया गया है।
खबरों के मुताबिक, जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता कार्यक्रम व निर्मल योजना जैसी अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के नाम पर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही थीं।
हालांकि विभिन्न ऑर्डर और खरीद के लिए निविदा ऑनलाइन की जानी चाहिए, लेकिन पूरी प्रक्रिया लंबे समय से ऑफलाइन की जा रही थी और एक विशेष एजेंसी के पक्ष में ऑर्डर दिये जाने का आरोप लगाया गया था।
सीडीएमओ डॉ बिरंची नारायण बारिक ने हाउसकीपिंग के टेंडरों में गड़बड़ी पाये जाने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को इसकी सूचना दी और उनके निर्देश पर पिछली निविदाएं रद्द कर दी गयीं। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण आदेश मिलने से पहले ही पुन: निविदा की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी।
कलाहांडी में अपने स्थानांतरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए डॉ बारिक ने कहा कि वह सरकार को पत्र लिखेंगे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग करेंगे, क्योंकि उनके पास केवल दो साल की सेवा शेष है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मैं जाजपुर जिले से ताल्लुक रखता हूं। मैं अभी कलाहांडी जाने की स्थिति में नहीं हूं। मुझे व्यक्तिगत समस्याएं हैं और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है।