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निःसंतान दंपत्तियों की पहली पसंद बनीं बेटियां

  •  गोद लेने वालों बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक

भुवनेश्वर। ऐसे समय में जब कई राज्यों में बेटों की तुलना बेटियों अनुपात में गिरावट आ रही है, ऐसे में ओडिशा में पूरी दुनिया को फिर नया रास्ता दिखाया है। राज्य में निःसंतान दंपत्तियों की पहली पसंद बेटियां बन गयी हैं। एक आंकड़े के अनुसार, निःसंतान दंपत्ति ओडिशा में लड़की को गोद लेने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।
इस बात का खुलासा पिछले पांच वर्षों (2017 से 2021) के बच्चों के गोद लेने के आंकड़ों के अध्यन में हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि ओडिशा के कुल 869 बच्चों को ओडिशा के निःसंतान दंपत्तियों के साथ-साथ राज्य के बाहर और विदेशी दंपत्तियों ने गोद लिया है।
इस दौरान देखने को मिला है कि इन पांच वर्षों के दौरान ओडिशा की 581 बेटियों को गोद लिया गया है, लेकिन बेटों के मामले में गोद लिये गये लड़कों की संख्या 288 है। बेटों की संख्या बेटियों की संख्या की आधी भी नहीं है।
165 बच्चों को विदेशियों ने गोद लिया
आंकड़ों के अनुसार, गोद लिये गये कुल 869 बच्चों में से 704 को भारत में जोड़ों ने गोद लिया है, जबकि 165 बच्चों को साल 2017 से 2021 के बीच विदेशियों ने गोद लिया है।
24 जिलों से बच्चे लिये गये गोद
ओडिशा के 30 जिलों में से 24 जिलों से भारतीय जोड़ों ने 462 लड़कियों और 242 लड़कों को गोद लिया है, वहीं विदेशियों ने भी 17 जिलों के 46 लड़कों और 119 लड़कियों को गोद लिया है।
सुंदरगढ़ जिले से सर्वाधिक गोद लिये गये बच्चे
आंकड़ों के अध्यन से पता चलता है कि सबसे अधिक 119 बच्चों को आदिवासी बहुल जिला सुंदरगढ़ से गोद लिया गया है। इसके बाद अच्छी संख्या केंदुझर, कटक और खुर्दा जिलों से भी बच्चे गोद लिये गये हैं।
पक्षपाती समाज है इसका कारण
एक सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने कहा कि हम अभी भी एक लिंग पक्षपाती समाज में रह रहे हैं। माता-पिता एक लड़की की जगह एक लड़के को ज्यादा महत्व देते हैं, क्योंकि वह उनके बुढ़ापे में उनकी मदद कर सकता है। कई मामलों में यह देखने में आया है कि लोगों ने जन्म लेने के बाद लड़की को कूड़ेदान, सड़कों आदि में छोड़ दिया, क्योंकि वे एक लड़का चाहते थे। इन लड़कियों को चाइल्डकेयर होम में लाया जाता है और बाद में निःसंतान दंपत्तियों ने गोद लिया। इसलिए गोद लेने वाली लड़कियां अधिक हैं।
कुछ लोग विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए आगे आए
राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसी (एसएआरए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों, बेटे और बेटियों, को गोद लिया जा रहा है। हालांकि, गोद लेने वाले दंपत्ति बेटों की तुलना में एक बेटी को अपनाने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विशेष जरूरतों वाले बच्चों को गोद लेने के लिए आगे आये हैं। उन्होंने बताया कि मूल रूप से अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, इटली, स्पेन और यूके जैसे देशों के लोगों ने इन बच्चों को गोद लिया है।

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