भुवनेश्वर। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को मेलबर्न के डॉकलैंड्स में कंगन इंस्टीट्यूट में ‘वेट: भविष्य के लिए कौशल विकसित करने हेतु नीति वार्ता’ में विक्टोरियन स्किल्स अथॉरिटी के सीईओ क्रेग रॉबर्टसन, बेंडिगो कंगन इंस्टीट्यूट की सीईओ सैली कर्टन और ऑस्ट्रेलियाई कौशल इकोसिस्टम के लीडर्स के साथ हिस्सा लिया। इस दौरान युवाओं को भविष्य के कौशल से लैस करने, उन्हें रोजगार से जोड़ने और कौशल परिणामों में सुधार करने, उद्योग व अकादमिक संबंधों को मजबूत करने और कौशल संबंधी जरूरतों के लिए एक चुस्त प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए भारत में ऑस्ट्रेलियाई कौशल मानकों और प्रमाणन ढांचे को इस्तेमाल करने की क्षमता को लेकर चर्चा की गई।
प्रधान ने भारत को कौशल युक्त और अत्यधिक उत्पादक कार्यशक्ति के वैश्विक केंद्र में तब्दील करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और प्रयासों को साझा किया। उन्होंने ये भी बताया कि 21वीं सदी में भारत की युवा जनसांख्यिकी उसकी सबसे बड़ी ताकत है और कहा कि कौशल युक्त भारत, भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।
प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के कौशल संस्थानों के साथ गठजोड़ करने में भारत की रुचि व्यक्त की। प्रधान ने बेंडिगो कंगन इंस्टीट्यूट में ऑटोमोटिव सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भी दौरा किया।
प्रधान ने मेलबर्न की डीकिन यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया और इस यूनिवर्सिटी का विस्तृत अवलोकन भी किया, खासकर उद्योग द्वारा डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रम, शोध डिग्रियां और प्रवेश की प्रक्रिया जानी। प्रधान ने डीकिन यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेलिया के सब विश्वविद्यालयों और कौशल संस्थानों को, भारत में अवसरों को तलाशने, दोनों देशों को ज्ञान अर्थव्यवस्थाओं में तब्दील करने और दोनों देशों में लोगों की समृद्धि के लिए एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने के लिए तंत्र बनाने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के कौशल और प्रशिक्षण मंत्री ब्रेंडन ओ’कॉनर के साथ द्विपक्षीय चर्चा की। उन्होंने कौशल विकास क्षेत्र में प्रगाढ़ सहयोग स्थापित करने और अत्यधिक उत्पादक व भविष्य के लिए तैयार कार्यशक्ति निर्मित करने के लिए मिलकर साथ काम करने को लेकर उपयोगी चर्चा की।