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लगभग हर सब्जियों के दम छूने लगे आसमान को
भुवनेश्वर। महानदी में आयी बाढ़ और बारिश के कारण खेतों के जलमग्न होने से राज्य में सब्जियों के भाव में आग लग गयी है। लगातार बारिश के बाद हीराकुद बांध के 40 स्लुइस गेट खोलने से आई बाढ़ ने बांकी क्षेत्र समेत महानदी से सटे और निचले इलाकों में हजारों हेक्टेयर भूमि में फसल बर्बाद कर दी है, जिससे किसान मुश्किल में हैं। बाढ़ के पानी में डूबने से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने लोगों के पाकेट पर असर डालना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि टमाटर, भिंडी, तुरई, खीरा, शिमला मिर्च, बीन्स, मिर्च, बैगन और प्याज जैसी मौसमी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ के पानी ने उनके खेत जलमग्न कर दिया है। बाढ़ फसलें लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। फसल पर फफूंद और कीटों के हमले से उनका नुकसान और बढ़ गया है।
इस बीच, महानदी नदी में ऊफान के कारण बह रहे खरपतवार ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। बांकी प्रखंड के कदलीबाड़ी, मालाबिहारपुर, रामचंद्रपुर और पोड़पड़ा जैसे गांव मौसमी फसलों की पैदावार के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इन गांवों में फसलों का हाल बुरा हो गया है।
अब स्थानीय फसलों के नष्ट होने के कारण इन्हें पश्चिम बंगाल और अन्य पड़ोसी राज्यों से मंगाया जा रहा है। इससे सब्जियों की कीमतों में तेजी आई है।
कटक छत्र बाजार हाट और भुवनेश्वर यूनिट-I हाट से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, हरी मिर्च 150 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रही है। इसी तरह, भिंडी, तुरई, बैंगन, लौकी, करेला, टमाटर, क्रमशः 80 रुपये, 50-60 रुपये, 60-70 रुपये, 50-70 रुपये, 50-60 रुपये और 40-50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
विक्रेताओं ने बताया कि आलू और प्याज 25-30 रुपये प्रति किलो पर बिक रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में इनकी भी कीमतों में वृद्धि देखी जा सकती है।