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आजादी के अमृत महोत्सव पर किशन खण्डेलवाल की देशभक्ति कविता तिरंगा लोकापर्ण
भुवनेश्वर। मारवाड़ी सोसाइटी भुवनेश्वर के अध्यक्ष संजय लाठ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों से भाषाओं और साहित्य-संस्कृति का संरक्षण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज युवा का रूझान पाश्चात्य भाषाओं, साहित्य और संस्कृति की तरफ बढ़ रहा है, जबकि पूरी दुनिया भारतीय साहित्य-संस्कृति को अपना रही है। हमें अपने देश की भाषाओं और साहित्य-संस्कृत का संरक्षण करने के साथ-साथ इससे जुड़े रहने की जरूरत है। संजय लाठ यहां सत्यनगर स्थित उत्कल-अनुज हिन्दी पुस्ताकलय में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। आजादी के अमृत महोत्सव पर पुस्तकालय के सचिव तथा जानेमाने हास्य कवि किशन खण्डेलवाल की नवीनतम राष्ट्रभक्ति कविता तिरंगा लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर डा शंकरलाल पुरोहित, संतोष देवी, प्रेमचंद अग्रवाल, प्रकाश बेताला, सजन सुरेका, शिवकुमार शर्मा, कमल चौधरी, मनोज बाजोड़िया, मुन्नी अग्रवाल और विनोद कुमार आदि उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि संजय लाठ ने पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा तथा अंजना भुरा की साहित्य सेवा की तारीफ करते हुए उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय भुवनेश्वर को एक ऐसा केन्द्र बताया, जहां पर समय-समय पर कवितापाठ तथा साहित्यिक चर्चा-परिचर्चा समय-समय पर होती रहती है। इस मौके पर रीया राय नामक मेधावी छात्रा को मेडिकल कोचिंग के लिए कोचिंग की पूरी फीस देने की घोषणा अंजना भुरा ने की। साथ में अन्य मेधावी कलाकारों को भी सम्मानित किया गया। किशऩ खण्डेलवाल की कविता, मेरे मन में तिरंगा है, मेरे घर पे तिरंगा है। मेरे देश में यमुना है, मेरे देश में गंगा है…. का सस्वर गायन किया गया। इसमें संगत दिये सजन लढानिया ने। स्वरिचत देशभक्ति कवितापाठ प्रस्तुत किये-मुरारीलाल लढानिया, अर्चना तिवारी, शशि मिमाणी, विक्रमादित्य सिंह, रश्मि गुप्ता, अंजना भुरा, रुनु रथ, अमिता सिंह, जया बिंदल, डा सुनीता, रीया राय, पीहु और दीहु आदि ने। आयोजन की प्रारंभिक जानकारी अशोक पाण्डेय ने दी।