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ओडिशा में बाढ़ को लेकर सात जिलों में 62 टीमों ने मोर्चा संभाला

  •  10 जिलों के जिलाधिकारी किये गये सतर्क

  •  मुख्यमंत्री ने की राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा

  •  प्रत्येक जीवन मूल्यवान नीति पर काम करने के निर्देश

  •  एक भी जान न जाए व बड़ी गलती न हो, यह सुनिश्चित करेगा प्रशासन

  •  सात जिलों मे ओड्राफ और एनडीआरएफ की नौ-नौ तथा अग्निशमन विभाग की 44 टीमों को उतारा गया

भुवनेश्वर। महानदी में बाढ़ को लेकर राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर रही है। राहत और बचाव कार्य के लिए 62 टीमों को तैनात कर दिया गया है। राज्य के 10 जिलों के जिलाधिकारियों सतर्क कर दिया गया है तथा स्थिति पर बारिकी नजर रखने को का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के आपदा में राज्य सरकार की नीति रही है कि जीवन सबसे अधिक मूल्यवान है। इसी नीति के आधार पर इस बाढ़ में किसी एक व्यक्ति की जीवन हानी न, हो यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव व विशेष राहत आयुक्त को नियमित अंतराल में समीक्षा करने के लिए भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश होने के कारण महानदी में बाढ़ की स्थिति है। इसमें दस जिलों के प्रभावित होने की सभावना है। इन जिलों के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के साथ-साथ आवश्यकीय कदम उठाने चाहिए। खतरे वाले व निचले इलाकों से लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ-साथ उनके लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए उन्होंने निर्देश दिया है। ओड्राफ, एनड़ीआरएफ व फायर सर्विस यूनिटों को खतरे की संभावना वाले स्थानों पर सजग रहने के लिए कहा गया है।
अस्पताल, जल आपूर्ति व बिजली आपूर्ति जैसी संस्थाओं को ठीक से काम करने तथा ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया। बाढ़ के कारण यदि किसी प्रकार से सड़कों को नुकसान होता है, तो उसे तत्काल मरम्मत करने के लिए इंजीनियरिंग विभाग तैयार रहे।

बाढ़ की स्थिति की जानकारी देते हुए राज्य के विशेष राहत आयुक्त ने कहा कि सात जिलों मे 9 ओड्राफ टीमें, 9 एनडीआरएफ टीमें तथा 44 अग्निशमन विभाग की टीमों को तैनात किया गया है।

अगले 48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप कुमार जेना ने आज कहा कि अगले 48 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि महानदी में इस अवधि के दौरान लगभग 10 लाख से 12 लाख क्यूसेक पानी गुजरेगा। हमें इस अवधि के दौरान बहुत सतर्क रहना होगा।

तटबंध की रक्षा करना जरूरी
विशेष राहत आयुक्त ने कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगों को शामिल करके तटबंध की रक्षा करनी है, क्योंकि हम 11-12 लाख क्यूसेक की मात्रा के साथ सीजन की पहली बाढ़ से निपटेंगे। मौसम की पहली बाढ़ हमेशा महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि तटबंध में छिद्रों के माध्यम से पानी रिसने की अधिक संभावना होती है, जिसपर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। इसलिए सीजन की पहली बाढ़ हमेशा महत्वपूर्ण होती है। इसलिए सभी के सहयोग से हम 48-72 घंटे तक तटबंधों पर गश्त को मजबूत करेंगे।

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