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ओडिशा में बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार

  •  जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा, केंद्रापड़ा, नयागढ़ और कटक जिलों में ओड्राफ, एनडीआरएफ व अग्निशमन विभाग की 22 टीमों ने संभाली कमान

भुवनेश्वर। बंगाल के खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के डिप्रेशन में तब्दील होने से ओडिशा में भारी बारिश और हीदाकुद बांध से 34 गेटों से पानी के निष्कासन के कारण छह जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। छह जिलों में ओड्राफ, एनडीआरएफ तथा अग्नि शमन विभाग की 12 टीमों को तैनात कर दिया गया है।
राज्य के विशेष राहत आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि भारी बारिश जारी रहने के कारण राज्य के महानदी नदी के बेसिन में मध्यम बाढ़ आने वाली है। महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जहां बारिश जारी है, वहीं आईएमडी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में 76 मिमी बारिश का अनुमान लगाया है। इसका मतलब है कि अधिक पानी ओडिशा के हीराकुद बांध में बहेगा। इसलिए जलाशय के माध्यम से जलस्तर बढ़कर 10.50 लाख क्यूसेक हो जायेगा।

साल 2019 की तरह आ सकती है बाढ़
राज्य के विशेष राहत आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि साल 2019 में अगस्त के दौरान आयी एक मध्यम बाढ़ की तरह इस साल भी बाढ़ आने की उम्मीद हैं। उस बाढ़ के दौरान 10.34 लाख क्यूसेक पानी हीराकुद जलाशय से होकर गुजरा था। इस बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले हैं जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा, केंद्रपड़ा। नयागढ़ और कटक जिलों के कुछ हिस्से भी प्रभावित होने की संभावना है।

मुंडाली में जलस्तर करीब 10.50 लाख क्यूसेक रहने का अनुमान
एसआरसी ने कहा कि महानदी के निचले इलाके कल दोपहर तक चरम बाढ़ की चपेट में रहेंगे। हीराकुंड से छोड़ा गया पानी कल मुंडली पहुंचेगा। मुंडली में सोमवार शाम को जलस्तर करीब 10.50 लाख क्यूसेक रहने का अनुमान है।

22 टीमें बचाव व राहत के लिए तैनात
छह जिलों में बाढ़ की स्थिति से लोगों को बचाने और राहत के लिए ओड्राफ की कुल 7 टीमें, एनडीआरएफ की 3 और ओडिशा दमकल सेवा की 12 टीमों को पुरी, केंद्रापड़ा, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर और नयागढ़ के संवेदनशील इलाकों में भेजा गया है।

सुवर्णरेखा, बुधबलंगा और नदियों के लिए ज्यादा खतरा नहीं
अच्छी खबर है कि ब्राम्हाणी नदी के बेसिन को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि रेंगाली बांध में जल स्तर जलाशय की क्षमता का 18% बना हुआ है। इसी तरह से जलका जैसे दक्षिणी भाग में सुवर्णरेखा, बूढ़ाबलंग और नदियों के लिए ज्यादा खतरा नहीं है।

सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में वरिष्ठ इंजीनियरों तैनात
राज्य के जल संसाधन विभाग ने कई वरिष्ठ इंजीनियरों को उन स्थानों पर नियुक्त किया है, जहां बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना है। इन जिलों के प्रशासन को जरूरत के मुताबिक बचाव और राहत कार्यों के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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