भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के डिप्रेशन में तब्दील होने के कारण हो रही बारिश के कारण राजधानी भुवनेश्वर के निचले इलाके में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है। हालांकि भुवनेश्वर नगर निगम ने अपनी तैयारियां भी पूरी कर रखी है। जलजमाव की सूचना मिलते ही भुवनेश्वर नगर निगम की तरफ से रसूलगढ़ के पास सत्यविहार में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए फायरपंप लगाया गया। इसके अलावा
भारी वर्षा के कारण अतिरिक्त जमे हुए पानी को निकालने के लिए नाहरकांटा वार्ड-4 में भी पंप लगाया गया है। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने राज्य की राजधानी में 31 स्थानों की पहचान की है, जो जलभराव की चपेट में हैं।
बीएमसी ने शहरी बाढ़ के लिए अपने प्रारंभिक उपायों के तहत बारिश के पानी की तत्काल निकासी के लिए पंप सेट तैयार रखे हैं। इसके अलावा, शहर में रुकावट क्षेत्रों को साफ करने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को मेयर सुलोचना दास की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में नगर आयुक्त विजय अमृत कुलांगे, तीन जोनल डिप्टी कमिश्नर और सिटी इंजीनियर मौजूद थे और राजधानी में शहरी बाढ़ से बचने के उपायों पर चर्चा की गयी थी।
मेयर ने कहा कि निचले इलाकों और मलिन बस्तियों में आश्रय केंद्र खोलने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा, आपात स्थिति में लोगों को निकालने के लिए टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सभी वार्ड अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। दमकल विभाग को निचले इलाकों में बारिश का पानी निकालने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह पीएचडी को जलमग्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है।
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