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राज्य की अदालतों में 18.79 लाख से अधिक मामले विचाराधीन
भुवनेश्वर. राज्य में चरणबद्ध तरीके से सभी ब्लॉकों में एक सिविल जज (जूनियर डिवीजन)-सह-जेएमएफसी कोर्ट की स्थापना की जायेगी. हालांकि इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति लेनी बाकी है. यह जानकारी शनिवार को विधानसभा में कानून मंत्री जगन्नाथ सरका ने दी. उन्होंने सत्तारूढ़ दल के एक विधायक के सवालों का जवाब देते हुए विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ओडिशा उच्च न्यायालय सहित राज्यभर की विभिन्न अदालतों में 18.79 लाख से अधिक मामलों की सुनवाई चल रही है.
खंडपड़ा से बीजद विधायक सौम्यरंजन पटनायक के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कानून मंत्री सरका ने कहा कि राज्य की विभिन्न निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में कुल 18,79,226 मामले विचाराधीन हैं. सारका ने कहा कि इनमें से 1,28,019 मामले 15 साल से अधिक पुराने हैं. कानून मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय से मंजूरी के बाद राज्य सरकार मामलों के त्वरित निपटान के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी ब्लॉकों में एक सिविल जज (जूनियर डिवीजन)-सह-जेएमएफसी कोर्ट शुरू करने के लिए कदम उठा रही है. इसके अलावा, इस उद्देश्य के लिए न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.
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