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पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ाने की मांग
भुवनेश्वर. ओडिशा के सभी विधायकों ने वेतन और यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी की मांग की है. भाजपा, कांग्रेस और बीजद के सभी विधायकों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर शून्यकाल के दौरान अपने वेतन और यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी का मुद्दा ओडिशा विधानसभा में उठाया. शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने बताया कि विधायकों के वेतन और भत्ते आखिरी बार 23 सितंबर 2017 को बढ़ाये गये थे. मांझी ने कहा कि तब से कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों की तुलना में एक विधायक का वेतन बहुत कम है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे राज्य में विधायकों का वेतन अन्य राज्यों के विधायकों के वेतन की तुलना में बहुत कम है. ओडिशा में एक विधायक का कुल वेतन और यात्रा भत्ता केवल 99,800 रुपये है, जो बहुत कम है. इसी तरह जयपुर से कांग्रेस सदस्य ताराप्रसाद वाहिनीपति ने भी विधायकों का वेतन बढ़ाने की मांग की. वाहिनीपति ने कहा कि विधायकों को कई सामाजिक कार्यों में शामिल होना पड़ता है, जिसमें भारी खर्च होता है. इसलिए विधायकों का वेतन बढ़ाना चाहिए. शून्यकाल के दौरान विधायकों का वेतन बढ़ाने के मुद्दे के साथ पूर्व विधायकों की पेंशन का भी मुद्दा उठा. वाहिनीपति ने बताया कि पूर्व विधायकों को केवल 30,000 रुपये पेंशन के रूप में मिल रहे हैं, इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन और विधायकों के वेतन में वृद्धि की जानी चाहिए. बड़चना से बीजद विधायक अमर प्रसाद सत्पथी भी विपक्षी विधायकों के साथ शामिल हो गए और विधायकों के वेतन, यात्रा और चिकित्सा भत्ते और पूर्व विधायकों के पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की. रायगड़ा से निर्दलीय विधायक मकरंद मृदुली ने भी विधायकों का वेतन बढ़ाने की मांग की है. पार्टी लाइनों की मांग को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने सरकार से मांग पर विचार करने का अनुरोध किया है.