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गांव दुकानों से नहीं मिल रही हैं वस्तुएं
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बात करने वालों पर लगेगा 501 रुपये का जुर्माना
केंद्रापड़ा. जिले के राजकनिका प्रखंड के गिरिया गांव में एक गांव कंगारू अदालत के फैसले से सहमत नहीं होने पर दो परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, गांव के पुरंदर लेंका और उनके पड़ोसी नलिनीकांत राउत के परिवारों को सामूहिक बहिष्कार किया गया है. गांव में कोई भी उनसे बात नहीं कर रहा है.
पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि ग्राम समिति ने ग्रामीणों को बहिष्क़ृत परिवारों के किसी भी सदस्य के साथ बात नहीं करने की चेतावनी दी है. अगर किसी ने बात की तो उन्हें 501 रुपये का जुर्माना भरना होगा. जानकारी के अनुसार, पुरंदर और नलिनीकांत के बीच लंबे समय से जमीन का विवाद चल रहा है. समाधान के लिए वे ग्राम समिति में गये, लेकिन समिति के फैसले से पुरंदर असंतुष्ट रहे और उन्होंने मामले को अदालत में ले गये. इस वजह से उनके परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया है. नलिनीकांत के परिवार का बहिष्कार इसलिए किया गया है, क्योंकि उन्होंने समिति के फैसले का विरोध किया था.
पुरंदर ने कहा कि मेरा पड़ोसी नलिनीकांत राउत के साथ भूमि विवाद चल रहा है. मैंने उनसे कहा कि विवादित जमीन पर लगे पेड़ों से नारियल न तोड़ें. इसके बाद उन्होंने ग्राम समिति से हस्तक्षेप की गुहार लगायी. इससे समिति ने मुझ पर 1,002 रुपये का जुर्माना लगाया. जब मैंने जुर्माना भरने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने मुझे अलग रहने के लिए कहा. यहां तक कि ग्रामीणों ने भी हमसे बात करना बंद कर दिया है, क्योंकि समिति ने इस संबंध में चेतावनी जारी की है. अगर कोई हुक्म के खिलाफ जाता है, तो उसे 501 रुपये का जुर्माना देना होगा.
नलिनीकांत ने कहा कि गांव की दुकानों से हमें वस्तुएं नहीं मिल रही हैं. ग्रामीणों से कहा गया है कि वे हमें अपने पारिवारिक समारोह में न बुलायें. उल्लंघन के मामले में उन्हें जुर्माना के रूप में 501 रुपये का भुगतान करना होगा. इधर, ग्राम समिति के अध्यक्ष बासुदेव मोहंती ने आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि हमने दोनों परिवारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. मैं उनके आरोपों के बारे में कुछ नहीं जानता.