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पड़ा गांवों को राजस्व गांव में परिवर्तित करने की मांग, नेताओं से खाली कराई जाए सरकारी जमीन 

  • प्रक्रिया को सरल करने की विधानसभा में उठी आवाज

भुवनेश्वर – राज्य में जो पड़ा गांव हैं, उन्हें राजस्व गांव में परिवर्तित न करने के कारण इन गांवों में विकास का कार्य नहीं हो पा रहा है । इसलिए पड़ा गांवों को राजस्व गांवों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए । प्रश्नकाल के दौरान बीजद विधायक अश्विनी पात्र के इस संबंध में पूछे गये सवाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते समय विधायकों ने यह मांग की ।
बीजद विधायक अनंत दास ने कहा कि वर्तमान में पड़ा गांवों को राजस्व गांव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया काफी जटिल है । सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में राजस्व गांव ही इकाई है । इस कारण पड़ा गांव होने के कारण उन गांवों में विकास कार्य नहीं हो पा रहा है । इसलिए इन गांवों को राजस्व गांव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्णय करने का अधिकार जिलाधिकारियों को प्रदान किया जाए, ताकि अनेक चरणों के बाद यह मामला सदस्य बोर्ड ओऱ रेवेन्यू के पास जाता है, उससे बचा जा सकता है । इससे अनावश्यक बिलंब नहीं होगा ।
बीजद विधायक प्रफुल्ल सामल ने कहा कि कुछ गांवों में जनसंख्या अधिक होने के बाद भी अलग-अलग गांव नहीं किया जा रहा है । गांव के लोग इस बारे में बार-बार मांग करने के बाद भी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

नेताओं से खाली कराई जाए सरकारी जमीन

कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि बीजद के नेता सिड्युल्ड इलाके में सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है । उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने वालों से चाहे वह किसी भी पार्टी से क्यों न हो उनसे कब्जा हटाया जाना चाहिए ।

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