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द्रौपदी मुर्मू और जुएल ओराम के नाम राजनीतिक गरियारे में छाये
भुवनेश्वर. राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिगुल बजने के बाद उत्तराधिकारी को चुनने की उलटी गिनती तेज हो गई है. राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सर्वोच्च पद के लिए किसी आदिवासी, महिला या अल्पसंख्यक उम्मीदवार को चुनेंगे. अटकलों के बीच चर्चा है कि ओडिशा के दो आदिवासी नेता झारखंड के पूर्व राज्यपाल और राज्य भाजपा नेता द्रौपदी मुर्मू और पूर्व केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम भारत के अगले राष्ट्रपति के उम्मीदवार की दौर में सबसे आगे हैं. इनके साथ-साथ दौर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, सेवारत राज्यपालों आरिफ मोहम्मद खान (केरल), आनंदीबेन पटेल (यूपी), अनुसुइया उइके (छत्तीसगढ़), थावर चंद गहलोत (कर्नाटक) के नाम भी शामिल हैं. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा.
हालांकि इस बीच ओराम ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं है. ओराम ने कहा कि भारत के विभिन्न वर्गों में इस संबंध में अटकलें लगाई जा रही हैं और मेरे पास इस मामले में बोलने के लिए कुछ नहीं है. चर्चा है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए एक आदिवासी कार्ड खेल सकता है और यही कारण है कि मुर्मू और ओराम के नामों पर चर्चा की जा रही है. मुर्मू का नाम पिछले चुनाव में भी चर्चा में था.
एनडीए अंतिम क्षण में आश्चर्यचकित कर सकता है और शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अल्पसंख्यक चेहरा ला सकता है. समीकरण के अनुसार, देश में सांसदों और विधायकों के वोटों की कुल संख्या 10,98,882 है. एनडीए के पास जहां 48.8 फीसदी वोट हैं, वहीं विपक्षी पार्टियों के पास 51.1 फीसदी वोट हैं. एनडीए को अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव जीतने में मदद करने के लिए 2.2 प्रतिशत अधिक वोटों की आवश्यकता है. इस लिहाज से वाईएसआरसी (4 फीसदी, 43,644 वोटों के साथ) और बीजद (2.9 फीसदी, 31,854 वोटों के साथ) चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. दोनों दलों को अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की जीत के लिए एनडीए का समर्थन करने की आवश्यकता है. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय नेता अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. कुछ दिन पहले वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेंगी.
एनडीए उम्मीदवार की जीत में कोई दिक्कत नहीं होगी
प्रदेश भाजपा महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि विभिन्न दलों के साथ चर्चा जारी है, जिनसे इस संवैधानिक प्रक्रिया के लिए एनडीए को अपना समर्थन देने की उम्मीद है. हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत में कोई दिक्कत नहीं होगी.
नवीन पटनायक सही समय पर उचित निर्णय लेंगे
बीजद के अनुसार, पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक सही समय पर उचित निर्णय लेंगे. बीजद के वरिष्ठ नेता शशि भूषण बेहरा ने कहा कि पार्टी राज्य के हित पर विचार करेगी और पटनायक सही समय पर उचित निर्णय लेंगे.
बीजद चिटफंड घोटाले के कारण हमें समर्थन नहीं देगी – कांग्रेस
वहीं कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने के लिए सभी दलों से चर्चा करेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सप्तगिरी उलाका ने कहा कि पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और अन्य दलों के साथ कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन के लिए चर्चा करेगी. हालांकि, हमें यकीन है कि बीजद चिटफंड घोटाले के कारण हमें समर्थन नहीं देगी.