भुवनेश्वर. कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में लैंगिक समानता, आदिवासी युवती-महिला सशक्तिकरण, सार्वजनीन शिक्षा, खेलकूद के माध्यम से सशक्तिकरण का विकास आदि विषयों पर दक्षिण एशिया महिला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एसएडब्लूसी) कीट में आयोजित हुआ. यह संगोष्ठी यूनाईटेड स्टेट्स कांसूलेट जेनेरल हैदराबाद, मल्टी यूएन बाडीज तथा कीट के सहयोग से आयोजित हुई है. कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर एस. सामंत ने संगोष्ठी की बतौर चेयरमैन के रुप में स्वागत भाषण दिया. उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं को ज्ञान का स्त्रोत बताया. विश्व की महिलाएं विनम्रता की प्रतिमूर्ति हैं जिनके सशक्तिकरण की आज आवश्यकता है.
इस अवसर पर समाजसेविका नंदिता दास ने भी लैंगिक समानता पर अपने विचार दिये. यूएस कन्सूलेट जेनेरल, हैदराबाद के ऐक्टिंग पब्लिक अफेयर्स आफिसर मि.फेंकी स्टार्न ने अपने संबोधन में यह बताया कि नारी-पुरुष असमानता के कारण समाज में अनेक प्रकार की विसंगतियां उत्पन्न हो जाएंगी, विकास रुक जाएगा. आर्थिक विकास रुक जाएगा. इसके लिए नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता है. इसके लिए पुनः समलैंगिकता की जरुरत है. यूएन की पूर्व सहायक सेक्रेटरी जेनेरल श्रीमती लक्ष्मी पुरी ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से समलैंगिकता आदि पर अपना मनतव्य दिया. इससे सामाजिक परिवर्तन की बात कही. इस अवसर पर मि.अरुण साहु, त्रिनिडाड तथा टोबांगो में तैनात भारत के उच्चायुक्त, एमएस.अचर्पान, कांसुल जेनेरल थाई कंसूलेट, कोलकाता, मशहूर फिल्मी अभिनेता राहुल बोस तथा समाजसेवी, एमएस.आभा मिश्र यूएन विकास प्रोग्राम तथा ओडिशा की स्टेट हेड एवं मि. हिमांशु बल, वर्ल्ड फुड प्रोग्राम तथा ओडिशा हेड आदि ने भी अपने-अपने सारगर्भित वक्तव्यों के माध्यम से नारी विकास पर प्रकाश डाले.
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