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पिछली बार के बजट से इस बार के बजट का आकार 11.1 प्रतिशत अधिक
भुवनेश्वर. वित्तमंत्री निरंजन पुजारी ने मंगलवार शाम को विधानसभा में 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि पिछली बार के बजट से इस बार के बजट का आकार 11.1 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा कि 2020-21 बजट में प्रशासनिक खर्च के लिए 65, 655 करोड़ रुपये, कार्यक्रम खर्च के लिए 74,000 करोड़, आपदा प्रबंधन कोष से खर्च के लिए 3220 करोड़ तथा राज्य सरकार द्वारा हस्तांतरित होने वाली धनराशि से खर्च के लिए 7145 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
किस विभाग को कितना हुआ आवंटन – गृह विभाग के लिए 5507.38 करोड रुपये, साधारण प्रशासन विभाग के लिए 422 करोड़ रुपये, राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 1335.34 करोड़ रुपये, विधि विभाग के लिए 466.16 करोड़ रुपये, वित्त विभाग के लिए 35141.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसी तरह वाणिज्य विभाग के लिए 91.28 करोड़ रुपये, निर्माण विभाग के लिए 6000.16 करोड़ रुपये, ओडिशा विधानसभा के लिए 121.03 करोड़, खाद्य आपूर्ति विभाग के लिए 1896.78 करोड़ रुपये, विद्यालय व जनशिक्षा विभाग के लिए 17,458 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
उहोंने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के लिए 3808.36 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के लिए 7699.84 करोड़ रुपये, गृह निर्माण व शहरी विकास विभाग के लिए 6179.65 करोड़ रुपये श्रम व राज्य कर्मचारी विभाग के लिए 206.17 करोड़ रुपये, खेल व युवा विभाग के लिए 301.04 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसी तरह योजना व संयोजन विभाग के लिए 1181.23 करोड़ रुपये, पंचाय़तीराज विभाग के लिए 17,605.84 करोड़ रुपये, साधारण प्रशासन व पेंशन विभाग के लिए 2.18 करोड़ रुपये, उद्योग विभाग के लिए 550.00 करोड़ रुपये, जल संसाधन विभाग के लिए 9374,46 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस बजट में परिवहन विभाग के लिए 844.56 करोड़, जंगल व पर्यावरण विभाग 1134,57 करोड़ रुपये, कृषि व कृषक सशक्तिकरण विभाग के लिए 6817.13 करोड़ रुपये, इस्पात व खनिज विभाग के लिए 182.22 करोड़ रुपये सूचना व जनसंपर्क विभाग के लिए 110.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि आवकारी विभाग के लिए 162,86 करोड़, विज्ञान व तकनीकी 100 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग के लिए 5549.42 करोड़ रुपये, संसदीय मामलों के विभाग के लिए 66.82 करोड़ रुपये, ऊर्जा विभाग के लिए 1860.73 करोड़ रुपये, हैंडलूम हैंडिक्राफ्ट विभाग के लिए 199.62 करोड़ रुपये, पर्यटन विभाग के लिए 400.69 करोड़ रुपये, मत्स्य व पशु संपदा विभाग के लिए 1211.02 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग के लिए 1700.39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उच्च शिक्षा विभाग के लिए 2406.51 करोड़ रुपये, ओड़िया भाषा, साहित्य व संस्कृति विभाग के लिए 161.81 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.