शिवराम चौधरी, ब्रह्मपुर
अवैध रूप से भ्रूण के लिंग परीक्षण में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने आज यहां 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. गुप्त सूचना के आधार पर बैद्यनाथपुर पुलिस ने छापेमारी की थी. इस दौरान गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान दुर्गा प्रसाद नायक (41), अक्षय दलेई (24), हरि मोहन दली (42), रीना प्रधान (40), रवींद्रनाथ सतपथी (39), काली चरण बिसोई (38) के रूप में हुई है. सुशांत कुमार नंदा (40), पद्म चरण भुइयां (60), सिब्रम प्रधान (37), सुमंत कुमार प्रधान (30), धबलेश्वर नायक (51), एम सुजाता (49) और सुभाष चंद्र राउत (48) के रूप में बतायी गयी है. पुलिस ने उनके कब्जे से 2 अल्ट्रासाउंड मशीन, 1 मोबाइल फोन और 18,200 रुपये नकद बरामद किए हैं. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्रह्मपुर के एसपी सरवण विवेक एम ने कहा कि अवैध लिंग निर्धारण परीक्षण की एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बैद्यनाथपुर पुलिस सीमा के अंतर्गत अंकुली इलाके के आनंदनगर में एक घर पर छापा मारा.
उन्होंने कहा कि दुर्गा प्रसाद नायक के घर पर छापेमारी के दौरान पाया गया कि दो अल्ट्रासाउंड मशीनों से गर्भवती महिलाओं का लिंग निर्धारण परीक्षण किया जा रहा था. एसपी ने बताया कि छापेमारी के वक्त 11 गर्भवती महिलाएं मौजूद थीं. पुलिस ने सीडीएमओ को सूचना दी और मौके पर टीम भेजने को कहा. बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच की. इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी दुर्गा प्रसाद नायक, दो बिचौलियों और एक आशा कार्यकर्ता सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह एक सुस्थापित अंतर्राज्यीय नेटवर्क था. सूत्रों ने कहा कि बिचौलिए जो क्लीनिक और अस्पतालों में फैले हुए हैं, गर्भवती महिलाओं को 2-3 के छोटे समूहों में इकट्ठा करते थे और फिर उन्हें ऑटोरिक्शा में दुर्गा प्रसाद के घर भेज देते थे, ताकि किसी को उन पर शक न हो. पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में सामने आया है कि दुर्गा प्रसाद दो-तीन साल से अधिक समय से बिना किसी लाइसेंस के अवैध लिंग चयन केंद्र चला रहा था और जब्त अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए अवैध रूप से करता था.
पुलिस ने कहा कि अक्षय कुमार दलाई और हरमोहन दलाई अलग-अलग जगहों से गर्भवती महिलाओं को उठाकर दुर्गा प्रसाद नायक की मदद करते थे और फिर भ्रूण के लिंग निर्धारण के लिए उन्हें उसके घर ले जाते थे. पुलिस ने बताया कि गुरुवार को आशा कार्यकर्ता रीना प्रधान अपने गांव की दो गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए दुर्गा प्रसाद के घर ले आई थीं और उनसे कमीशन की राशि प्राप्त की थी. पुलिस ने कहा कि विभिन्न प्रयोगशालाओं और निजी क्लीनिकों में कार्यरत अन्य आरोपी व्यक्ति गर्भवती महिलाओं को भ्रूण के लिंग निर्धारण के लिए अक्षय दलाई और हरमोहन दलाई के माध्यम से क्लिनिक भेजते हैं और दुर्गा प्रसाद से नियमित रूप से कमीशन प्राप्त कर रहे थे. पुलिस ने कहा कि भ्रूण के लिंग निर्धारण के बाद, कुछ गर्भवती महिलाओं के पतियों ने गर्भ गिरा दिया था, क्योंकि भ्रूण का लिंग महिला पाया गया था.