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रोगियों की स्थिति गंभीर नहीं, संगरोध में रखे गये
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आमतौर पर मुंह के अंदर लाल घाव, त्वचा पर चकत्ते, भूख न लगना, खांसी और गले में दर्द की है शिकायत
भुवनेश्वर. ओडिशा में टमैटो फ्लू से 26 बच्चे संक्रमित पाये गये हैं. ओडिशा के स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्र ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 26 बच्चों को टमैटो से संक्रमित पाया गया है. उन्होंने बताया कि आरएमआरसी, भुवनेश्वर में एकत्र और परीक्षण किये गये 36 नमूनों में से 26 में टमैटो फ्लू (एचएफएमडी) का पता चला है. संक्रमित बच्चों में भुवनेश्वर में 19, खुर्दा में दो, पुरी में तीन और कटक में दो हैं. सभी संक्रमित बच्चे 1-9 वर्ष आयु वर्ग के हैं. उन्हें 5-7 दिनों के लिए संगरोध में रहने के लिए कहा गया है. महापात्र ने बताया कि सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को पहले से ऐसे मामलों का पता लगाने और नमूनों के आवश्यक संग्रह और जांच के लिए निगरानी तंत्र को तेज करने के लिए कहा गया था. अधिकांश मामले प्रभावित जिलों के ग्रामीण इलाकों से हैं और अभी तक कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. रणनीति के तहत ओपीडी में संदिग्ध मामलों पर निगरानी रखने के साथ ही सामुदायिक निगरानी भी की जा रही है. महापात्र ने बताया कि रोगियों की स्थिति गंभीर नहीं है. आमतौर पर मुंह के अंदर लाल घाव, त्वचा पर चकत्ते, भूख न लगना, खांसी और गले में दर्द की शिकायतें हैं.
जानलेवा नहीं है
ओडिशा के स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्र ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी शायद ही कभी जानलेवा होती है. हालांकि, यह बीमारी भी किसी अन्य बीमारी की तरह बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, गले में दर्द के साथ आती है. भोजन के सेवन में कमी इसका कारण बनता है.
सतर्कत रहने की जरूरत
स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्र ने कहा कि टमैटो फ्लू को लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है और घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सीमित बीमारी है. केवल रोगसूचक उपचार और संगरोध ही इसके इलाज की कुंजी है. आरएमसीआर से हमें जो भी इनपुट मिलेगा, हम जीनोम अनुक्रमण के लिए आवश्यक उपाय करेंगे.