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पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप
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चुनाव के बाद में दायर हलफनामे में हस्ताक्षर करने का दावा
भुवनेश्वर. कुजंग थाने पुलिस ने पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में स्थानीय प्रखंड विकास अधिकारी सौम्यश्री पाणिग्राही और पारादीपगढ़ की सरपंच सस्मिता बेहरा के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया है. अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए कुजंग पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 465,466, 471, 171-जी और 34 के तहत मामला दर्ज किया है. सूत्रों के मुताबिक, सरपंच चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने के दौरान सस्मिता ने हलफनामे में हस्ताक्षर नहीं किया था. इस फर्जीवाड़े के बारे में मिहिर कुमार पात्र नामक एक शख्स को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के जरिए पता चला. आरटीआई के जरिए सरपंच से स्पष्टीकरण मांगने के बाद उन्हें उनके हस्ताक्षर देखने को मिले. मिहिर ने मामले को देखने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद पुलिस ने बीडीओ और सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज किया. दूसरी ओर पारादीपगढ़ के सरपंच ने ऐसे दावों का खंडन किया है.
शिकायतकर्ता के वकील गतिकृष्ण सतपथी ने कहा कि कुजंग प्रखंड के पारादीपगढ़ सरपंच द्वारा दायर हलफनामे में कोई हस्ताक्षर नहीं था. शपथ पत्र अमान्य था, क्योंकि उनके हस्ताक्षर गायब थे. इसे चुनौती देते हुए जब मेरे मुवक्किल ने सत्यापन के लिए हलफनामे के कागजात मांगे तो दस्तावेज में सस्मिता के हस्ताक्षर मौजूद थे. बीडीओ की वजह से ही सस्मिता ने यह संभव कर दिखाया. बीडीओ की मदद के बिना हलफनामे में बदलाव करना संभव नहीं था. पारादीपगढ़ की सरपंच सस्मिता ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मैंने हलफनामे के तीन सेट जमा किए थे, जिनमें से एक हस्ताक्षर गलती से गायब है. अगर मैंने दस्तावेजों में जालसाजी की होती, तो मैं अपना नामांकन पत्र दाखिल करने और चुनाव नहीं लड़ पाती. उन्होंने कहा कि चूंकि मैं भारी अंतर से जीती हूं, विरोधी मुझसे ईर्ष्या कर रहे हैं.