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रंगेइलुंडा हवाई पट्टी के विस्तार के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं हुई
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आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ खुलासा
शिवराम चौधरी, ब्रह्मपुर
गंजाम में हवाई अड्डे के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है और ना ही ऐतिहासिक रंगेइलुंडा हवाई पट्टी को एक पूर्ण हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए कोई फंड आवंटित नहीं किया गया है. आरटीआई के दिये जवाब में यह जानकारी गंजाम प्रशासन ने दी है. जवाब में गंजाम के भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने कहा है कि रोड एंड बिल्डिंग डिवीजन ब्रह्मपुर ने साल 2019 में एयरपोर्ट के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद कुल 22.97 एकड़ जमीन की पहचान की गई. इसमें रंगेइलुंडा गांव में 3.92 एकड़ और करापल्ली में 19.058 एकड़ जमीन शामिल है. हालांकि, जिला प्रशासन ने ऐसा कोई प्रस्ताव राज्य सरकार को नहीं भेजा और न ही इस उद्देश्य के लिए धन आवंटित किया गया. आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता बी शंकर पात्र ने प्रस्तावित हवाई अड्डे के बारे में पिछले महीने विवरण मांगा था. इसके जवाब में जो प्रतिक्रिया आई है, उससे और अधिक भ्रम पैदा हो गया, क्योंकि इसने हवाई पट्टी को एक पूर्ण हवाई अड्डे तक विस्तारित करने के सरकार के बार-बार के आश्वासन पर सवालिया निशान लगा दिया. सूत्रों ने कहा कि रंगेइलुंडा हवाई पट्टी को विकसित करने की मांग तीन दशकों से कर रहे हैं. गंजाम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का घरेलू क्षेत्र है और उन्होंने साल 2008 में और फिर 2016 में इसके विस्तार के लिए हवाई अड्डे की आधारशिला रखी थी.
साल 2011 में नई दिल्ली स्थित एक निजी विमानन सेवा कंपनी ग्लोबल एविएनॉटिक्स लिमिटेड (जीएएल) ने छह सीटर (दो पायलट और चार यात्रियों) डबल इंजन वाले विमान के साथ रंगेइलुंडा हवाई पट्टी से भुवनेश्वर तक गैर-सारिणी हवाई परिवहन संचालन शुरू किया था. हालांकि ट्रायल रन को छोड़कर यह आगे नहीं बढ़ा. विभिन्न हलकों की लगातार मांगों के बाद राज्य सरकार और गंजाम के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने 2016 में इसके लिए आश्वासन दिया था और तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम ने प्रस्तावित विस्तार पर एक अध्ययन करने के लिए रंगेइलुंडा का दौरा किया था. इसके अनुसार, लोक निर्माण विभाग ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की, जिसमें कहा गया है कि हवाई पट्टी को मौजूदा 900 मीटर रनवे से 1,500 मीटर तक विस्तारित करने के लिए 30 एकड़ निजी भूमि सहित 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. इसकी लागत 33.39 रुपये करोड़ है, फिलहाल विस्तार योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, क्योंकि जमींदारों ने कथित तौर पर पहचाने गये क्षेत्र को खाली करने से इनकार कर दिया था.
गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृता कुलांगे ने कहा कि हवाई पट्टी को चौड़ा करने के लिए चिह्नित भूमि फिलहाल उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, एयर डिफेंस कॉलेज विस्तार सीमा के भीतर आता है, जो एक रणनीतिक चुनौती है.