मालकानगिरि. बीएसएफ के महानिरीक्षक (विशेष अभियान) ओडिशा ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश सीमा पर दक्षिण पश्चिम मालकानगिरि में नक्सल विरोधी रणनीति और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की. कल सतीश चंद्र बुड़ाकोटी, महानिरीक्षक, फ्रंटियर बीएसएफ स्पेशल ऑपरेशंस, ओडिशा ने मालकानगिरि जिले में कंपनी ऑपरेटिंग बेस के दौरे के दौरान ओडिशा-छत्तीसगढ़-आंध्र सीमा पर सुरक्षा परिदृश्य का आकलन किया.
आईजी ने धीरेंद्र कुमार उपमहानिरीक्षक (ऑप्स) और नरेंद्र सिंह, कमांडेंट 76 बटालियन के साथ सीओबी पोडिया, सीओबी एमवी-72, सीओबी बोडिगेट्टा और सीओबी एमवी-88 के साथ बेजजंगीवारा रिजर्व फॉरेस्ट, सिलकोटा रिजर्व फॉरेस्ट और उदयगिरि रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्रों का दौरा किया. महानिरीक्षक ने सुरक्षा ढांचे, परिचालन क्षमता, क्षेत्र वर्चस्व रणनीति का आकलन करते हुए बीएसएफ कर्मियों को नागरिक आबादी के प्रति मानवीय दृष्टिकोण पर समान जोर देने के लिए कहा. उन्होंने सीओबीज के कमांडरों और सैनिकों के साथ भी बातचीत की.
उन्होंने कठोर और दुर्गम इलाके के बावजूद चौबीसों घंटे चौकसी बनाये रखने के लिए सैनिकों द्वारा किए गए जबरदस्त प्रयासों की सराहना की. इस दौरान नरेंद्र सिंह, कमांडेंट ने उन्हें वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि और सैनिकों के वर्चस्व के कारण चल रहे विकास कार्यों से अवगत कराया. आईजी ने सिविक एक्शन प्रोग्राम (सीएपी) फंड से वस्तुओं को वितरित करने के लिए सुरक्षा शून्य को कवर करने के लिए दूर-दराज के गांवों तक पहुंचने पर जोर दिया और स्पोर्ट्स क्लब बनाकर युवाओं की सहायता के लिए खेल मैच या टूर्नामेंट आयोजित करने और खेल सामग्री प्रदान करने पर जोर दिया. उन्होंने छात्रों को स्कूली सामान बांटने की भी सराहना की. आईजी ने आगे सीओबी एमवी-21 का दौरा किया और व्यक्तिगत अधिकारियों की परिचालन, शारीरिक और साथ ही फायरिंग क्षमताओं की जांच की. उन्होंने फील्ड शारीरिक दक्षता परीक्षण और फायरिंग का आयोजन किया और अधिकारियों के उच्च स्तर और प्रेरणा की सराहना की.