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24 घंटे जरुरी आपरेशन कार्यालय व नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश
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विशेष राहत आयुक्त ने जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
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सतर्क रहने के साथ-साथ आवश्यक तैयारी रखने के लिए कहा
उधर, भुवनेश्वर स्थित मौसम विज्ञान कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंडमान सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन 6 मई तक कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होगा. इसके बाद इसका तूफान का रुप लेने की संभावना है. इस संभावित तूफान की दिशा क्या होगी, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पायी है. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने अभी से इसका मुकाबला करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.
विशेष राहत आयुक्त ने तैयारियों के मद्देनजर कहा है कि जिला आपातकाल, संचालन केंद्र और अन्य कार्यालयों के नियंत्रण कक्षों को पर्याप्त जनशक्ति के साथ चौबीसों घंटे काम करना होगा. सभी संचार उपकरण जैसे फोन, फैक्स आदि काम करने की स्थिति में हैं या नहीं, इसकी जांच करने के लिए कहा गया है. सैटेलाइट फोन की जांच करने को भी कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सके. अभी भी परीक्षण कॉल करके जांचने को कहा गया है. सैटेलाइट फोन के अलावा, ईडब्ल्यूडीएस परियोजना के तहत छह तटीय जिलों में डिजिटल मोबाइल रेडियो संचार प्रणाली स्थापित की गई है. इन संचार प्रणालियों का भी उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.
उपरोक्त जिलों में सभी कमजोर लोगों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए. कच्चे घरों में रहने वाले या तट के पास या निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक विस्तृत निकासी योजना तैयार करें करने को कहा गया है.
प्रत्येक आश्रय में तीन स्थानीय अधिकारियों को करें तैनात
विशेष राहत आयुक्त ने कहा है कि प्रत्येक आश्रय में तीन स्थानीय अधिकारियों की टीम को प्रभारी के रूप में रखा जा सकता है. इसमें दो पुरुष और एक महिला जैसे आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला शिक्षक, महिला कांस्टेबल या होमगार्ड आदि हो सकते हैं. यह सब अभ्यास छह मई तक पूरा करने को कहा गया है. ऐसे भवनों के अक्षांश और देशांतर को रेखांकित करते चिह्नित सुरक्षित आश्रय भवन की जानकारी, प्रभारी अधिकारियों के नाम और ऐसे दल व अधिकारियों के मोबाइल नंबर को तैयार किये जाने की जरूरत है. असुरक्षित क्षेत्रों में सुरक्षित पक्के स्कूल भवनों व सार्वजनिक भवनों को भी आवश्यकता के अनुसार अस्थायी आश्रयों के रूप में पहचाना जा सकता है.
बैकअप बिजली की व्यवस्था रखें
चक्रवात की चरम अवधि के दौरान बिजली की आपूर्ति काट दी जाती है. ऐसी स्थिति में सभी कार्यालयों को उस अवधि के लिए बैकअप बिजली की व्यवस्था करनी चाहिए. स्वास्थ्य संस्थानों सहित विभिन्न कार्यालयों में उपलब्ध जेनरेटरों की तत्काल जांच की जानी चाहिए और पर्याप्त ईंधन का भंडारण किया जा सकता है.
साथ ही विशेष राहत आयुक्त ने आईएमडी पूर्वानुमान या चेतावनी को नियमित देखने को कहा है तथा उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट अपने जिले में की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी के साथ छह मई तक भेजने को कहा है.