भवानीपटना. कलाहांडी में प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) का एक कैडर लक्ष्मण अपका उर्फ लालसू ने आज को यहां पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. लालसू कलाहांडी क्षेत्र समिति, भाकपा (माओवादी) की ओडिशा राज्य समिति के बीजीएन डिवीजन के क्षेत्र समिति सचिव था. उसने आत्मसमर्पण डीआईजी (एसडब्ल्यूआर) कोरापुट, राजेश पंडित, एसपी डॉ सरवण विवेक और सीआरपीएफ कमांडेंट विप्लव सरकार की उपस्थिति में किया. बताया गया है कि लालसू 2009 में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुआ था. छत्तीसगढ़ में संगठन के गंगलोर दलम में करीब एक साल तक रहने के बाद 2011 में नियमगिरि एलओएस आया था. तब से वह ओडिशा में नक्सली के रूप में काम कर रहा है. वह 2014 में करलापत में एरिया कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर रहा था और बाद में एसीएस (एरिया कमेटी सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत हुआ था. पुलिस ने कहा कि वह एसएलआर बंदूक लेकर माओवादियों की विचारधारा को बढ़ावा देने वाला सक्रिय सदस्य था. वह 2016 से 2020 के दौरान पुलिस के साथ कम से कम पांच मुठभेड़ों में शामिल था. ये मुठभेड़ मनास्का, बरंगपदर, तुर्की, कोटलघाटी और सोहस्पदार में हुई थी. लालसू को ओडिशा सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी. अधिकारियों ने बताया कि वह निचले रैंक के कैडरों तथा महिला कैडरों के साथ दुर्व्यवहार और सबसे महत्वपूर्ण आदिवासी लोगों के साथ हुए अन्याय के कारण माओवादी विचारधारा से उसका मोहभंग हो गया था. वह समझता था कि माओवादी निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं और सड़क, पुल, स्कूल और अस्पताल जैसे प्रशासन के विकास कार्यों के खिलाफ हैं. लालसू को आजीविका प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वह लाभकारी रोजगार प्राप्त कर सके और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार विधिवत पुनर्वास कर सके. इसमें रुपये की वित्तीय सहायता भी शामिल है. उसे सहायता के रूप में 5 लाख, जमीन, मकान बनाने का खर्चा, शादी का भत्ता और पढ़ाई का भत्ता 3,000 रुपये प्रति माह दिया जायेगा.
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