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पांच दिवसीय चिंता-व-चेतना नीलचक्र राष्ट्रीय सम्मान समारोह आयोजित
अपने संबोधन में राज्यपाल ने ओडिशा संस्कृति की उन्मुक्त रुप से प्रशंसा की तथा उसको बचाये रखने में चिंता-व-चेतना के महासचिव सुरेन्द्र दास के योगदानों की सराहना की. गौरतलब है कि 2022 चिंता-व-चेतना नीलचक्र राष्ट्रीय सम्मान तथागत सतपथि, पूर्व बीजू जनता दल सांसद तथा ओड़िया दैनिक के सम्पादक को प्रदान किया गया. समारोह के सम्मानित अतिथि प्रोफेसर अच्युत सामंत ने कहा कि कोरोना काल में भी सुरेन्द्र दास ने चिंता-व-चेतना की ओर से ओड़िया नववर्ष वैशाखी मनाना न भूलें. भगवान जगन्नाथ की आज की पहंडी उत्कृष्ट रही. उन्होंने सुरेन्द्र दास के शतायु की कामना की, ताकि वे ओडिशी संस्कृति को बचाते रहें. पांच दिनों तक आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम उम्दा रहा. सुरेन्द्र दास ने आयोजन से जुड़े सभी के प्रति आभार जताया.