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महेंद्रगिरि पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग
कटक : दुस्साहसिक यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भुवनेश्वर के एक्सबीएचपी मोटरसाइकिल ग्रुप ने राज्य के गजपति जिले के पर्यटन स्थल महेंद्रगिरि की यात्रा की. इस पर्वत की ऊंचाई लगभग 4950 फीट है और यह राज्य का दूसरा ऊंचा पर्वत शिखर है. महेंद्रगिरि जैव विविधता से भरपूर है. यहां कई प्रजातियों के पशु-पक्षियों के साथ-साथ अनेक प्रकार के औषधीय पौधों को भी देखा जा सकता है. इस पर्वत का पौराणिक महत्व भी है. रामायण में महेंद्र पर्वत के नाम से इसका उल्लेख मिलता है. कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने यहां तपस्या की थी. महाभारत काल में पांडवों द्वारा निर्मित प्राचीन मंदिर भी यहां देखे जा सकते हैं.
पर्वत के शिखर से बंगाल की खाड़ी दिखाई पड़ती है. मार्ग में एक सुंदर झरना है. इस स्थान पर खाने-पीने और रहने की सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण ग्रुप के सदस्यों को खानपान की सामग्री और रात्रि यापन के लिए टेंट अपने साथ ले जाने पड़े. यात्री दल ने अपना सारा प्लास्टिक कचरा अपने साथ वापस लाकर सही जगह पर फेंक कर पर्यटन स्थलों को प्लास्टिक मुक्त रखने का संदेश प्रचारित किया. इस दल ने इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग की भी की है.