कटक. जानेमाने साहित्यकार व ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री जानकी बल्लभ पटनायक की जिंदगी था व्यापक. साहित्य, समाजसेवा, पत्रकारिता और राजनीतिक क्षेत्र में वह जो कर गए हैं, वह निश्चित तौर पर असाधारण है. उसके साथ साथ दूसरों के प्रति उनकी अच्छा व्यवहार और उनके अंदर मौजूद रहने वाली विवेक ही उनकी व्यक्तित्व की खासियत था. जानकी वल्लभ स्मारक प्रतिष्ठान की ओर से कटक शारला भवन में आयोजित जानकी वल्लभ पटनायक सातवीं पुण्यतिथि और सम्मान कार्यक्रम के मौके पर ये बातें कहीं हैं आंध्र प्रदेश के आंध्र के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने. राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि जानकी बाबू जब मुख्यमंत्री थे, तब वह हर एक की बातों को सम्मान दे रहे थे. मुख्यमंत्री के तौर पर हर एक की बातों को तवज्जो दे रहे थे. मुख्यमंत्री के तौर पर वह विरोधी दल के नेताओं को भी तवज्जो देते थे. राज्य की विकास कार्य के लिए वह हमेशा सोचते रहते थे. ओडिशा राजनीति के इस महान पुरुष की प्रतिमूर्ति कटक शहर में ना होना निश्चित तौर पर अत्यंत लज्जाजनक बात है. कार्यक्रम में विधायक सौम्य रंजन पटनायक सम्मानित अतिथि के तौर पर हिस्सा लेते हुए जानकी वल्लभ को सफल कहानी को बताया. पटनायक ने इस मौके पर कहा कि कई क्षेत्र में जानकी वल्लभ पटनायक दूसरों के लिए प्रेरणादायक हैं. स्वस्थ जीवन किस तरह से बचा जा सकता है, उसके लिए उनसे शिक्षा लेना चाहिए. एक प्राथमिक शिक्षक का बेटा होने के बावजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते पर व शिक्षा, पत्रकारिता, राजनीति आदि क्षेत्र में सफल हो पाए थे. यह निश्चित तौर पर समाज के लिए अनुकरणीय है. ओडिशा को किस तरह से समझा जा सकता है, वह भी जानकी बल्लभ पटनायक से सीखना चाहिए. जानकी बाबू ओड़िया माटी, ओड़िया भाषा को खुव पसंद करते थे. कटक में उनका प्रतिमूर्ति बने चाहे या ना बने, लेकिन वह सब के दिलों में जगह बनाए हैं. जानकी वल्लभ स्मारक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व जाने-माने साहित्यकार प्रोफेसर बैश्णव चरण सामल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में बारबाटी कटक के विधायक मोहम्मद मुकीम हिस्सा लेते हुए कहा कि जानकी वल्लभ पटनायक जाने के बाद कांग्रेस दल राज्य में मुखिया हीन हो गया है. जिसके चलते कांग्रेश सत्ता में नहीं आ पा रही है. शासक दल दूसरों को सम्मान देना नहीं जानता है, इसीलिए कटक शहर में उनका प्रतिमूर्ति लगने में देरी हो रही है. प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ वकील धरनीधर नायक अपने अभिभाषण में जानकी बल्लभ पटनायक को सफल जननायक के तौर पर संबोधन किया है. स्मारक प्रतिष्ठान के महासचिव व साहित्यकार डॉक्टर गोविंद भुइयां ने कार्यक्रम में अतिथि परिचय व स्वागत भाषण प्रदान किया. इस मौके पर स्मारक प्रतिष्ठान की ओर से समाज सेवा के लिए परशुराम द्विवेदी, पत्रकारिता के लिए संपादक कानन बिहारी दास, साहित्य के लिए वैष्णव चरण मोहंती को जानकी वल्लभ सम्मान से नवाजा गया. इस मौके पर नटवर खुंटिया द्वारा रचित “कृषि चिंतक जानकी वल्लभ” पुस्तक का भी विमोचन आंध्र प्रदेश के महामहिम राज्यपाल हरिचंदन ने किया. कार्यक्रम के अंत में वकील आकाश भुइयां धन्यवाद अर्पण किया.
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