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गर्मी में स्कूलों के बदले टाइम से अविभावकों और चालकों की मुश्किलें बढ़ीं

  •  कक्षा एक से आठ और नौ-दस के बीच आधे घंटे के अंतराल को लेकर उठे सवाल

  •  एक परिवार के दो बच्चों को विद्यालय छोड़ने और लाने में होंगी परेशानियां

भुवनेश्वर. ओडिशा में भीषण गर्मी को लेकर आईएमडी की ओर से जारी अलर्ट को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ाई के समय में किये गये परिवर्तन ने अविभावकों और स्कूल वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ा दी है. राज्य सरकार ने गर्मी में छात्रों के हित में स्कूलों के समय में बदलाव करने का फैसला किया है. विद्यालयों के समय में फेरबदल करते हुए ओडिशा सरकार ने बुधवार को स्कूलों को दो अप्रैल से सुबह की कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया है.
नये समय के अनुसार, कक्षा 1-8 छात्रों के लिए कक्षाएं सुबह 6:30 बजे शुरू होंगी और सुबह 10 बजे समाप्त होंगी. कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए कक्षाएं सुबह 7 बजे शुरू होंगी और 11 बजे तक जारी रहेंगी. यहां कक्षा 1-8 के छात्रों और कक्षा 9-10 के छात्रों की कक्षाओं के शुरू होने के बीच सिर्फ आधे घंटे का अंतराल दिया गया है. इससे न सिर्फ अविभावकों की मुश्किलें बढ़ीं हैं, अपितु स्कूल आटो या वैन चलाने वाले चालक भी परेशान हो गये हैं. एक अविभावक ने बताया कि उनके परिवार के दो बच्चे एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं. पहला बच्चा कक्षा पांच में और दूसरा बच्चा कक्षा 10 में. उन्होंने बताया कि आधे घंटे के अंतराल के कारण दोनों बच्चों को स्कूल छोड़ने में दिक्कतें होंगी. अविभावक ने कहा कि हमें आधे घंटे तक दूसरे बच्चे कि लिए विद्यालय के बाहर खड़ा रहना होगा. यदि वह बच्चे को अकेला छोड़कर आते हैं, उसे भी परेशानी होगी, क्योंकि विद्यालय समय से पहले अंदर प्रवेश नहीं करने देंगे.
ऐसे ही एक स्कूल वाहन चालक ने भी अपनी परेशानियां बतायी. उसने कहा कि एक साथ वह स्कूली वैन में विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को लेकर जाता है, लेकिन अब जूनियर और सीनियर बच्चों की कक्षाओं के संचालन में आंधे घंटे का अंतराल रखा गया है. ऐसी स्थिति में विद्यालय में प्रवेश के लिए कक्षा नौ से 10 बच्चे स्कूल के बाहर खड़े रहेंगे या उन्हें निजी वाहन से आना होगा. ठीक इसी तरह की परेशानी उन्हें छुट्टी के बाद भी झेलनी होगी. चालक ने कहा कि यदि बच्चे स्कूल से बाहर खड़े रहेंगे, तो उनके लिए परेशानियां हो सकती हैं. खासकर अधिकांश विद्यालय सड़क किनारे होते हैं, ऐसे में बच्चे सड़क किनारे भी जा सकते हैं. अगर कुछ होगा तो इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा.
चालक ने कहा कि गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है, लेकिन 11 बजे छुट्टी होने के बाद उन्हें गाड़ी के लिए या अपने अविभावक के आने के लिए इंतजार करना ही होगा. सुबह 11 बजे के बाद से ही गर्मी अपनी चरम सीमा की ओर बढ़ती है. ऐसी स्थिति में बच्चों और अविभावकों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में समय में परिवर्तन करने से क्या फायदा होगा, जबकि बच्चों को गर्मी में खुले आसमान के नीचे इंतजार करना पड़ेगा.
ठीक इसी तरह से कई अविभावकों और चालकों ने कक्षाओं के संचालन के बीच के अंतराल को लेकर अपनी-अपनी परेशानियों को रखा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि गर्मी को देखते हुए यदि समय में परिवर्तन करना है, तो एक ही समय निर्धारित किया जाये, जिससे बच्चों को एक साथ विद्यालय छोड़ने और लाने में सुविधा रहे.

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