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कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए राज्य सरकार ने लिया फैसला
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राज्य के सभी जिलाधिकारियों के लिए गाइडलाइन जारी
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कोविद नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश
भुवनेश्वर. राज्य में एक लंबे समय के बाद 28 मार्च से सभी आंगनबाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) फिर से खुलेंगे. कोविद-19 की स्थिति में सुधार को देखते हुए राज्य सरकार ने 28 मार्च से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से खोलने का फैसला किया है. आंगनबाड़ी केंद्र महीने के 25 दिन सुबह 7.30 बजे से सुबह 9.30 बजे तक खुले रहेंगे. इस दौरान कोरोना नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा. इसे लेकर जिलाधिकारियों के लिए एक गाइडलाइन जारी की गयी है.
कोरोना महामारी के कारण राज्यभर के सभी आंगनबाडी केंद्र 19 अप्रैल, 2021 से बंद हैं. इस दौरान आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा 3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को उनके घर पर ही गर्म रसोइया भोजन (एचसीएम) और अंडे के बदले राशन सामग्री प्रदान की जा रही थी. इसके अलावा, 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) और अंडे और गर्भवती महिलाओं को भी उनके घर पर पहुंचाया गया. आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से खोलने से पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र लिखकर दिशा-निर्देशों को जारी किया है. इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सुबह के नाश्ते और एचसीएम परोसने की बैठने की व्यवस्था करते समय सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा. कोविद या किसी अन्य समस्या के कारण आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं आने वाले या आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने पर बच्चों को उनके घर के दरवाजे पर एचसीएम और अंडे के बदले राशन दिया जायेगा. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर नुआ अरुणिमा पाठ्यक्रम के अनुसार प्री-स्कूल शिक्षा की बहाली होगी और बाहरी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा. पत्र में कहा गया है कि अन्य सभी एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) जैसे टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, रेफरल, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा (एनएचईडी) को जारी रखा जाना चाहिए. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इन सभी गतिविधियों को कोविद-19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ किया जाना चाहिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने से पहले परिसर को फिर से सेनिटाइज किया जाना चाहिए तथा साफ-सुथरा रखा जाना चाहिए. इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पंचायती राज और पेयजल प्राधिकरणों की सहायता ली जा सकती है. प्रवेश द्वार पर साबुन, पानी और सेनिटाइजर के साथ हैंडवाश की सुविधा होनी चाहिए. आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को केंद्र में प्रवेश करने से पहले हाथों को सेनिटाइज करना अनिवार्य होगा. साथ ही बच्चों को उत्साहित रखने के लिए ‘अजी मो जनमा दिन’ गाते हुए 20 सेकेंड तक हाथ धोने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए. उचित हवा के प्रवेश के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखी जानी चाहिए. बार-बार छुए जाने वाले जगहों, बैठने वाले स्थान और खाना पकाने के क्षेत्रों को नियमित अंतराल पर साफ और कीटाणुरहित करना होगा. आंगनवाड़ी केंद्रों में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित होना चाहिए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, माता-पिता, माताएं, किशोरियां या आंगनबाड़ी बच्चों कोरोना के लक्षण देखे जाने पर उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आने को कहा गया है. साथ ही 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों में आने से मना किया गया है. आईसीडीएस सेवाओं का लाभ उठाने के लिए गर्भवती और नर्सिंग महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा करेंगी.
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