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रायगड़ा की घटना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
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जिलाधिकारी ने दिया जांच का निर्देश, कहा-दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
रायगड़ा. राज्य में एक बार फिर दाना मांझी की जैसी घटना उस समय देखने को मिली, जब वाहन नहीं मिलने पर एक पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर लेकर अस्पताल से निकल पड़ा. अपने नौ साल के बेटे के शव को कंधे पर उठाकर ले जा रहे इस व्यक्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह घटना रायगड़ा जिला की है.
वीडियो में यह शख्स रायगड़ा शहर की सड़क पर एक बेजान बच्चे को कंधे पर उठाकर ले जाता हुआ दिख रहा है. इस दौरान कुछ लोग उसके पीछे चल रहे हैं. उसकी पहचान रायगड़ा शहर के हरिजन शाही के सुरधर बेनिया के रूप में बतायी गयी है. उसे अपने बेटे आकाश बेनिया के शव को जिला मुख्यालय अस्पताल से अपने घर तक लगभग 1.5 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा.
बताया जाता है कि आकाश को बीमार पड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद वहां के डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार के सदस्यों को लड़के के शव को घर ले जाने के लिए कोई महाप्रयाण नहीं मिला. महाप्रयाण वाहन नहीं मिलने पर सुरधर ने अपने बेटे के शव को अपने कंधे पर उठा लिया और अपने घर की ओर चलने लगा. उसके परिवार के सदस्य भी पीछे-पीछे चल पड़े.
इस घटना पर रायगड़ा के जिलाधिकारी सरोज कुमार मिश्र ने दावा किया कि महाप्रयाण सेवा प्रदान करने के लिए डीएचएच में पर्याप्त वाहन उपलब्ध थे. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जायेगी. यदि यह साबित हो जाता है कि किसी ने उसे सेवा से वंचित किया है, तो उस व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी.
उल्लेखनीय है कि इसे दाना मांझी ने अपनी पत्नी का शव लेकर अंतिम संस्कार करने निकल पड़ा था. महाप्रयाण वाहन नहीं मिलने के कारण किसान दाना मांझी को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधों पर लेकर लगभग 10 किलोमीटर तक ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. बताया गया था कि अस्पतालों ने शव को गांव ले जाने से मना कर दिया.
विडंबना यह है कि राज्य सरकार लोगों की सुविधा के लिए योजना ‘महापरायण’ चलाती है, लेकिन यह धूमिल होती नजर आ रही है. इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों से शवों का मुफ्त परिवहन की सुविधा प्रदान की जाती है.