कटक. कटक में जालसाजों को प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड तैयार करने और सप्लाई करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. इस संबंध में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों के लगभग 250 प्री-एक्टिव सिम कार्ड अब तक उनके कब्जे से जब्त किए गए हैं. यह जानकारी देते हुए कटक के डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा कि दो आरोपी सुशांत बेहरा और शंकर अधिकारी एक दूरसंचार सेवा प्रदाता के अधिकारी हैं. उनकी गतिविधियां 4 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले की जांच के दौरान सामने आईं. पुलिस ने कहा कि आरोपी कथित तौर पर झारखंड और अन्य राज्यों के जामताड़ा और देवघर में साइबर जालसाजों को ओडिशा से बड़ी मात्रा में पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड की आपूर्ति करता था. 28 फरवरी को रावेंशॉ विश्वविद्यालय के एक गेस्ट प्रोफेसर डॉ जयदेव जेना (66) ने आरोप लगाया कि कुछ बदमाशों ने उनके बैंक खाते से लगभग 4 लाख रुपये ठग लिया है. जांच के दौरान यह पता चला कि बीएसएनएल अधिकारियों का प्रतिरूपण करने वाले जालसाजों ने पीड़ित को बताया कि अगर वह रिचार्ज करने में विफल रहता है, तो उसका सिम कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा और दो ऐप ‘टीम व्यूअर और एसएमएस फॉरवर्डिंग’ डाउनलोड करने के लिए कहा.
सिंह ने कहा कि पीड़ित द्वारा दो ऐप इंस्टॉल करने के बाद जालसाजों ने उसके मोबाइल फोन तक पहुंच हासिल कर ली और पैसे लूट लिया. सिंह के मुताबिक, ग्राहकों के सिम कार्ड एक्टिवेट करते वक्त जालसाज इस बहाने उनकी फोटो खींच लेते थे कि उनकी पिछली तस्वीर अच्छी नहीं है. बाद में वे एक अलग सिम कार्ड को सक्रिय करने के लिए इन तस्वीरों का उपयोग करते थे. सिंह ने कहा कि इस तरह के तरीके का इस्तेमाल करते हुए वे ग्राहकों के विवरण का उपयोग करके उनकी जानकारी के बिना कई सिम कार्ड सक्रिय करते थे.