भुवनेश्वर. जैन तेरापंथ धर्मसंघ की शासनमाता, महाश्रमणी संघ महानिर्देशिका, असाधारण साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा का आज महाप्रयाण हो गया. बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से साध्वी प्रमुख श्री कनकप्रभा जी कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से ग्रसित हो गईं थीं. उन्हें चिकित्सा के लिए दिल्ली ले जाया गया. बीमारी की असाध्यता को देखकर उन्होंने शारीरिक चिकित्सा न करवाकर आध्यात्मिक चिकित्सा करने की इच्छा व्यक्त की. उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए आचार्य श्री महाश्रम जी राजस्थान से तीव्र गति से पदयात्रा करते हुए दिल्ली पधारे. 6 मार्च से प्रतिदिन उन्हें आध्यात्मिक संबोध व सहयोग प्रदान करवा रहे थे. 17 मार्च को गिरते स्वास्थ्य को देखकर प्रातः 7 बजकर 27 मिनिट पर आचार्य श्री महाश्रमण जी ने तिविहार संधारा व 8.37 पर चौविहार संथारा का प्रत्याख्यान करवाया और 17 मार्च को ही प्रात: 8.45 बजे साध्वी प्रमुख श्री का संथारा सम्पन्न हो गया. आचार्य श्री महाश्रमण जी ने होने 8.45 बजे साध्वी प्रमुख श्री के महाप्रयाण होने की सूचना अधिकृत तौर पर घोषित की. साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा जी के महाप्रयाण से प्रमुख पद के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हो गया. उनके जाने से धर्मसंघ को एक अपूरणीय क्षति हुई है. लाखों श्रद्धालुगणों ने उन्हें दिल्ली में नम आँखों से विदाई दी. उनके निधन से भुवनेश्वर जैन तेरापंथ समाज में शोक की लहर दौड़ गयी है.
एक युग का अंत – प्रकाश बेताला
भुवनेश्वर जैन तेरापंथ के श्रावक तथा समाजसेवी प्रकाश वेताला ने कनक प्रभा महाप्रयाण को एक युग का अंत करार दिया है. उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शासन माता, असाधारण साध्वी प्रमुखश्री कनक प्रभा जी की आत्मा की आध्यात्मिक उन्नति की मंगल कामना करता हूं. साधारण से असाधारण की यात्रा करने वाली एवं तीन आचार्यो के शासन काल मैं संघ की सेवा में अपना संपूर्ण आध्यात्मिक जीवन लगाने वाली शासन माता को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उनके महाप्रयाण के साथ ही एक युव का अंत हुआ है.
असाधारण साध्वीप्रमुख कनकप्रभा का महाप्रयाण अपूरणीय क्षति – मुनि जिनेश कुमार