Home / Odisha / आचार्य महाप्रज्ञ जनशताब्दी समारोह पर मंडराया राजनीति का साया

आचार्य महाप्रज्ञ जनशताब्दी समारोह पर मंडराया राजनीति का साया

  • प्रचार प्रसार पर विवाद से प्रकाश बेताला ने भी किया किनारा

  • कहा- इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं

  • कई अन्य सदस्यों ने भी जतायी नाराजगी

  • समारोह में न शामिल होने की बात कही

  • कुछ सदस्यों ने कहा-समाज पर राज करने के फिराक में हैं दो-तीन सदस्य

  • कइयों की अनदेखी का लगा आरोप

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

विश्वविख्यात आचार्य महाप्रज्ञ के जनशताब्दी समारोह के प्रचार प्रसार पर विवाद तूल पकड़ने लगा है. पूरे आयोजन पर राजनीतिक साया मंडराने लगा है. प्रचार-प्रसार के लिए सिर्फ एक अखबार को विज्ञापन देने के विषय से जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश बेताला ने भी किनारा कर लिया है. उन्होंने कहा कि यह किसने किया, इसके बारे में मुझे पता नहीं है. प्रकाश बेताला ने कहा कि सिर्फ एक अखबार को विज्ञापन देने का कोई मतलब नहीं है. इतना ही नहीं, कई अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी इस विवाद से खुदको दूर रखा है और इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आप मेरे नाम का उल्लेख भी न करें.

वरिष्ठ सदस्यों की बातचीत में काफी नाराजगी दिखी. कई सदस्यों ने संकेत दिया कि वह निजी कारणों से वह समारोह में शामिल भी नहीं हो सकते हैं. जिस कदर वरिष्ठ सदस्यों में नाराजगी दिखी, जो सबसे बड़ी कारण होगी समारोह में शामिन न होने पर. कुछ सदस्यों ने यहां तक आरोप लगाया कि पूरे समाज पर सिर्फ दो-तीन लोग राज करने के फिराक में हैं. हालांकि इन दो-तीन लोगों के नामों का उन्होंने जिक्र नहीं किया और कहा कि आने वाले दिनों में आपको स्वतः पता चल जायेगा. उन्होंने कहा कि जैन पारंपरिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वरिष्ठ सदस्यों की अनदेखी की जा रही है. जैन धर्म कभी भी वरिष्ठजनों की अनदेखी की बात नहीं कहता है और न ही समाज और धर्म को बांटने की बात करता है, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं. हालही में कटक में कटक मारवाड़ी समाज के चुनाव में जारी फतवे का भी यहां जिक्र उठा. यहां के सदस्यों ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को दूसरे पर विचार थोपने की इजाजत हमारे धर्म में नहीं है.

उल्लेखनीय है कि एक अखबार में विज्ञापन देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस आयोजन के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी कौन संभाल रहा है, समाज के वरिष्ठ सदस्य सुभाष भुरा और मनसुख सेठिया को पता तक नहीं है, जबकि एक विज्ञापन में निवेदक के रूप में मनसुख सेठिया के नाम का उल्लेख भी किया गया है. अब प्रकाश बेताला ने भी किनारा कर लिया है, जबकि यही तीनों व्यक्ति समाज के वरिष्ठ सदस्य हैं. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कौन समाज पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है. सवाल यह भी उठ रहा है कि समाज को बांटकर क्या हासिल करने की कोशिश की जा रही है या सिर्फ मंच, माइक और माला के लिए यह सब किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि आचार्य महाप्रज्ञ जनशताब्दी समारोह का आयोजन गुरुवार को भुवनेश्वर स्थित तेरापंथ भवन में किया जा रहा है. इस समारोह में कई वरिष्ठ गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है. इस समारोह का आयोजन को आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या समणी मलय प्रज्ञा जी का सानिध्य प्राप्त होगा और राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. समारोह की शुरुआत गुरुवार को शाम पांच बजे होगी. इस बीच इस आयोजन के प्रचार को जारी विज्ञापन को लेकर विवाद खड़ा होगा. यह विज्ञापन किसने जारी किया है, न तो समाज के वरिष्ठ सदस्य सुभाष भुरा को पता है और ना ही मनसुख सेठिया को पता है. सबने कहा कि कमेटी की बैठक में विज्ञापन जारी करने को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई थी. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि इस विज्ञापन को जारी क्या मतभेद सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस विज्ञापन में मात्र कुछ ही लोगों के नाम हैं, जबकि आयोजन में जैन समुदाय के सभी शाखाओं का योगदान बराबरी का है.

 

Share this news

About desk

Check Also

भरतपुर मामले में गठित जांच आयोग की अवधि बढ़ी

न्यायिक आयोग को अब 31 जनवरी 2025 तक दिया गया समय भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *