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भाजपा की मेयर पद की उम्मीदवार ने कहा-महिलाओं की सुरक्षित नहीं है राजनीति
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जीतने के बाद दुखद जन्य परिस्थितियों को दूर करना भी प्राथमिकता
भुवनेश्वर. भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के लिए भारतीय जनता पार्टी की मेयर उम्मीदवार सुनीति मुंड ने मंगलवार को कहा कि अगर वह चुनी जाती हैं, तो वह राजधानी को स्वच्छता के मामले में देश में नंबर एक स्थान पर ले जायेंगी. एक चैनल को दिये गये विशेष साक्षात्कार में मुंड ने स्मार्ट सिटी भुवनेश्वर को लेकर अपने दृष्टिकोण के बारे में खुलकर चर्चा की. बीएमसी मेयर के लिए होने वाले चुनाव में उनका मुकाबला बीजद की सुलोचना दास और कांग्रेस की मधुस्मिता आचार्य से है. उन्होंने कहा कि मैंने एक खूबसूरत शहर की कल्पना की है. अगर लोग मुझे मेयर के पद के लिए चुनते हैं, तो मैं खूबसूरत शहर के सपने को पूरा करूंगी. मुंड ने कहा कि भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षाड़ंगी ने बीएमसी के आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भुवनेश्वर के लिए कई विकास गतिविधियों को अंजाम दिया था. मैं उनके अधूरे कामों को आगे बढ़ाऊंगी. साहित्य और पत्रकारिता जगत से राजनीति में कदम रखने वाले सुनीति मुंड ने कहा कि जब अपराजिता षाड़ंगी बीएमसी कमिश्नर थीं, तब भुवनेश्वर को स्वच्छता के मामले में देश के शहरों में 5वां स्थान मिला था. अब शहर 144वें स्थान पर खिसक गया है. जो पार्टी सत्ता में है, वह शहर को 5 से नंबर 1 पर ले जाने में विफल रही है. शहर को एक नंबर पर ले जाने का सपना न केवल अपराजिता षाड़ंगी का सपना है, बल्कि शहर के सभी निवासियों का भी है.
स्मार्ट सिटी के सामने आने वाली कई समस्याओं के बारे में लेखक और पत्रकार ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर को स्मार्ट सिटी घोषित किया था. हालांकि अभी तक राजधानी पूरी तरह से स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई है. अभी भी सीवेज सिस्टम के हाल से सभी वाकिफ हैं. बारिश के दौरान जलजमाव की समस्या ऐसी होती है कि बच्चे उसके पानी में बह जाते हैं. यह दुखद जन्य परिस्थितिया हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता अभी भी शहर की झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों से दूर है. चुनाव के दौरान खोखले वादे किए जा रहे हैं. योजनाओं की घोषणा पर घोषणा होती है, लेकिन सफल क्रियान्वयन के लिए कोई भी जड़ तक नहीं जाता है. सत्तारूढ़ राजनीतिक दल लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है. इन्हें खरीदने के प्रयास किए जा रहे हैं. उनके पास गरिमा है. उन्हें वह अधिकार मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं.
महिला सुरक्षा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भुवनेश्वर देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में दूसरे स्थान पर है. 22 साल के शासन के बावजूद राजधानी सुरक्षित नहीं है.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहर के विभिन्न स्थानों पर पार्क विकसित किए जाएंगे और बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. साथ ही शहर में आवारा पशुओं के शवों के त्वरित निस्तारण की योजना व कार्यक्रम भी बनाए जाएंगे.
भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले पर उन्होंने कहा कि मेरा बचपन से ही राष्ट्रवादी विचारधारा की ओर झुकाव था. मेरे पिता आरएसएस से जुड़े थे. मैं उनके साथ विभिन्न आरएसएस शिविरों में जाया करती थी.