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सरकारी कर्मचारियों से चुनावों के दौरान सख्त तटस्थता बनाए रखने का निर्देश
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मुख्य सचिव सभी सचिवों, डीजीपी, राजस्व संभागायुक्तों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
भुवनेश्वर. राज्य के मुख्य सचिव ने एक अन्य आदेश जारी करते हुए नगरीय चुनाव कार्य से जुड़े सरकारी कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी. यह प्रतिबंध 26 मार्च तक लागू रहेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव के संचालन से जुड़े अधिकारियों को एसईसी के संदर्भ के बिना अनुमति नहीं दी जाएगी.
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों से राज्य में आगामी शहरी चुनावों के दौरान सख्त तटस्थता बनाए रखने को कहा है. मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने इस पर शासन के सभी सचिवों, डीजीपी, राजस्व संभागायुक्तों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. ओडिशा के राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने 109 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनावों को अधिसूचित किया है.
महापात्र ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सभी स्तरों पर पुलिस सहित सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सख्त तटस्थता बनाए रखें और किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी के चुनाव की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में किसी भी तरह से कार्य न करें.
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को यूएलबी चुनावों के दौरान बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए और वह किसी भी उम्मीदवार या किसी भी राजनीतिक दल के लिए या उसके खिलाफ प्रचार गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों में सरकारी वाहनों, मशीनरी और कर्मियों, सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी समितियों, स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) का किसी भी तरह से चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि चुनाव पूरा होने तक सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले सरकारी खजाने की कीमत पर किसी भी विज्ञापन के प्रकाशन की अनुमति न दें.
महापात्र ने कहा कि आदर्श आचार संहिता सरकारी कर्मचारियों के लिए भी लागू होती है. इसलिए किसी भी लोक सेवक द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन उसे नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए उत्तरदायी बना देगा.
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 47 नगर पालिकाओं, 59 अधिसूचित क्षेत्र परिषदों (एनएसी) और तीन नगर निगमों भुवनेश्वर, कटक और ब्रह्मपुर के चुनाव 24 मार्च को होंगे. चुनाव परिणाम 26 मार्च को घोषित किए जाएंगे.