भुवनेश्वर. क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भुवनेश्वर तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आरआईई भुवनेश्वर के नये सभागार में चरित्रनिर्माण तथा समग्र विकास विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित हुई. क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भुवनेश्वर के प्राचार्य प्रोफेसर पीसी अग्रवाल ने कल उद्घाटन सत्र में स्वागत की औपचारिकता निभाई तथा आयोजन के उद्देश्य को स्पष्ट किया. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीतिः2020 में स्कूल सेटिंग में सबसे बड़ी जरुरत बच्चों के चरित्र निर्माण तथा उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास की जरुरत होती है, जिसपर राष्ट्र का चरित्र निर्भर करता है. उन्होंने बताया कि शिक्षा हमें एक अच्छा मानव बनाने में, एक अच्छा राष्ट्र बनाने में और एक अच्छा विश्व नागरिक बनाने में सहायक है. समारोह के मुख्य अतिथि डा. अतुल भाई कोठारी शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानन्द के योगदानों का उल्लेख करते हुए यह बताया कि शिक्षक का दायित्व देश के युवाओं के युवा मस्तिष्क को बेहतर मानव बनाने की ओर उन्मुख करना होना चाहिए जिसके लिए बेहतर नीति की जरुरत है. और उसके लिए नई शिक्षा नीतिः2020 ही सबसे सशक्त माध्यम है जिसमें शाश्वत जीवन मूल्यों की रक्षा के साथ-साथ स्कूल सेटिंग,बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा तथा उनके सर्वांगीण(समग्र) विकास का सविस्तार उल्लेख है. प्रोफेसर बीएन पण्डा,डीन (आर) तथा प्रोफेसर संध्या साहू, डीन (आई) ने संगोष्ठी को संबोधित किया. अवसर पर देशराज शर्मा भी विषयविशेषज्ञ के रुप में उपस्थित थे. संगोष्ठी का आरंभ सह-संयोजिका डा.कलिंगा कटकी के सरस्वती वंदना से हुआ, जबकि आभार ज्ञापन प्रोफेसर एसके दाश संगोष्ठी संयोजक ने किया.
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