-
जानकारी भरी शिकायतें मिलने के बाबजूद नगरपालिका के अधिकारी अंजान बने
-
राजनीति का शिकार हुआ कल्याण मंडप
-
ग्राउंड बना डंपिंग यार्ड, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं
-
न शौचालय का पता और ना ही बना स्नानागार
-
बेकार पड़ा हुआ लाखों रुपये का लगा जेनेरेटर
राजेश दाहिमा, राजगांगपुर
35 लाख रुपये की लागत से बने कल्याण मंडप की दीवारों में दरार पड़ने से लोगों में दहशत का माहौल है. आरोप है यह कि यह मंडप राजनीति का शिकार हो गया है. मैदान डंपिंग यार्ड में तब्दील हो गया है, जबकि लाखों रुपये का लगा जेनेरेटर बेकार पड़ा हुआ है. पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. बताया जाता है कि शहर में विभिन्न प्रकार के विकासमूलक कार्य के तहत वार्ड नंबर पांच में आसपास इलाके के लोगों की सुविधा के मद्देनजर एक वर्ष पूर्व लगभग 35 लाख की लागत से कल्याण मंडप का निर्माण कार्य किया गया. आरोप है कि समय पूर्व उद्घाटन करने के लिए काम जल्दबाजी में किया गया जिससे दीवारों में दरार पड़ने लगी है. गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं.
समय पूर्व हुआ उद्घाटन, सीमित लोगों तक रही जानकारी
बताया जाता है कि कल्याण मंडप का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ था कि तत्कालीन नगरपाल एवं पार्षदों का कार्य समाप्त होने लगा. इस कारण आनन-फानन में उस समय पद पर विराजमान विधायक मंगला किसान एवं उनके समर्थकों की मौजूदगी में इस कल्याण मंडप का उद्घाटन कर दिया गया. इस कड़ी का सबसे अहम पहलू यह भी रहा कि उद्घाटन किए जाने की जानकारी सिर्फ एक सीमित वर्ग में तक ही रही और इस उद्घाटन किए जाने की जानकारी मिलने पर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं.
मैदान में कचरे का ढेर
कल्याण मंडप के सामने ही आसपास इलाके का कचरा फेंका जा रहा है. स्वच्छ भारत मुहिम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कल्याण मंडप सामूहिक कार्यों के आयोजन के लिए बनाया गया है, लेकिन यहां कचरा बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. अभी तक भी कल्याण मंडप की चारों तरफ चाहरदीवारी का निर्माण कार्य भी नहीं किया गया है. चाहरदीवारी नहीं होने के कारण मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है.
शौचालय, स्नानागार और पानी का आभाव, अव्यवस्थाओं का आलम
अभी तक शौचालय, स्नानगृह का निर्माण कार्य भी सही तरीके से पूरा नहीं हुआ है. अभी तक पेयजल आपूर्ति के लिए कोई भी साधन नहीं किया गया है और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी नही की गई है, लेकिन लाखों का जेनरेटर लगा हुआ है. बताया जाता है कि विभिन्न प्रकार की असुविधाओं के मद्देनजर आसपास इलाके के लोग इस कल्याण मंडप में कार्यक्रम करने में कतराते हैं.
लोगों में हादसे को लेकर भय
आसपास इलाके के लोगों का कहना है कि जिस जगह कल्याण मंडप का निर्माण किया गया है, उस जमीन पर इलाके का कचरा डंप किया जाता था और कचरा पूरी तरह से नहीं उठाया गया, ना ही जमीन को समतल किया गया और ना ही कल्याण मंडप का सही निर्माण किया गया. फलस्वरूप कल्याण मंडप की दीवारों पर दरारें पड़ गईं हैं, जो एक अनहोनी को आमंत्रण दे रही है.
गुणवत्ता पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने इसके निर्णाम में गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाया है. कल्याण मंडप के निर्माण कार्य में निम्न स्तर की सामग्रियों का व्यवहार करने का आरोप लगा है, क्योंकि उद्घाटन के छह महीने के बाद ही कल्याण मंडप की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं.
पत्रकार ने नगरपालिका का नींद से जगाया, लेकिन चुप्पी पर उठ रहे सवाल
कुछ लोगों के साथ शहर के वरिष्ठ पत्रकार ने वर्तमान समय में नगरपालिका के पद पर कार्यरत ईओ का ध्यान आकृष्ट कराया है. नगरपालिका के ईओ ने जानकारी मिलने पर कहा कि वे अपने तरीके से जांच-पड़ताल करने के बाद ही कोई भी कार्रवाई करने का निर्णय लेंगे. आज हालात यह है कि कल्याण मंडप सुरक्षा और देखरेख के अभाव में जर्जर हालत की ओर बढ़ता ही जा रहा है. लोगों का आरोप है कि नगरपालिका के अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं.
सरिता यादव, ट्यूशन शिक्षिका का कहना है कि नगरपालिका की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा हुआ है ? इस पूरे मामले की गहन जांच-पड़ताल करने की आवश्यकता है. इसकी गुणवत्ता को खासकर जांच करने की जरूरत है, क्योंकि अगर कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. संभावित हादसे को टालने के लिए इस भवन की गुणवत्ता को जांचना जरूरी है.
राष्ट्रीय वरिष्ठ पत्रकार रामप्रवेश चौधरी, सुदर्शन न्यूज चैनल रिपोर्टर का कहना है कि व्यतिगत रूप में मैंने पद पर विराजमान नगरपालिका के ईओ एस राउत से मौखिक शिकायत करने के साथ-साथ बयान भी लिया। कार्रवाई का आश्वासन के बाद भी अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.
प्रेम प्रकाश, पूर्व पार्षद वार्ड नंबर 16सह डायरेक्टर विवेकानंद इंग्लिश स्कूल का कहना है कि घटियास्तर की सामग्रियों के कारण ही दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और किराए पर लेने वाले को कल्याण मंडप में मौलिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने के कारण ढेर सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जो नगरपालिका के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
नगरपालिका के ईओ एस राउत का कहना है कि इंजीनियर से बातचीत करने के साथ-साथ आगे की जांच-पड़ताल की जाएगी.