राजगांगपुर-सुंदरगढ़ जिला के बड़गांव वनविभाग अधीन गांवों सहित कुतरा ब्लाक के विभिन्न स्थानों पर भूख से बौखालाए हाथियों का झुंड घरों की चारदीवारी तोड़कर घर के भीतर रखे धान एवं अन्य सामग्री को चट करने के साथ ही बर्बाद कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर विगत एक वर्ष से इस इलाके में हाथियों का उत्पाद निरन्तर जारी है और जिला प्रशासन एवं वनविभाग के अधिकारी इन्हें खदेड़ने में विफल साबित हो गए है।
ऐसा ही एक मामला फिर कुतरा पंचायत समिति अधीन नुआंगांव का सामने आया है। विगत तीन दिन पहले कुतरा पंचायत समिति अधिन नुआंगांव निवासी मार्सल एक्का के घर की चारदीवारी तोड़कर एक दंत हाथी ने घर के भीतर रखें धान एवं चावल चट कर दिया। वहीं जिस समय हाथी घर की चारदीवारी तोड़ रहा था तभी घर के भीतर सोते हुए लोगों को मालूम पड़ते ही वे सभी वहां से भाग कर अपनी जान बचाई।
खबर प्रसारित होने पर गांव वाले एकजुट होकर बम पटाखे फोड़ने सहित आग जलाकर हाथी को खदेड़ा। आये दिन हाथियों के उत्पाद निरंतर जारी रहने से ग्रामीण भय के माहौल में जीवन बिताने पर मजबूर हो गए हैं। साथ ही साथ रतजगा कर अपने अपने घर एवं खेतों की रखवाली करते हैं। विदित हो कि विगत एक सप्ताह पहले कुतरा ब्लाक के कुसुमडेगी मारियापाड़ा गांव में ओडिशा एवं झारखंड सीमा के रास्ते से 25हाथियों का झुंड ने उत्पाद मचाया था।
खबर मिलते ही वनविभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हाथियों को कुसुमडेगी जंगल की ओर खदेड़ने के बाद अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए है। वहीं, दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के उत्पाद से प्रभावित घरों सहित लोगों को नुक्सान का भुगतान कर वनविभाग के अधिकारी हाथियों को खदड़ने के लिए कोई भी सार्थक प्रयास नहीं कर रही है। केवल सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम करने के साथ हम सभी को दहशत के साए में जीवन बिताने पर मजबूर कर दिया है।