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जिलाधिकारी और स्थानीय प्रशासन अपने हिसाब से लेकर सकते हैं निर्णय
भुवनेश्वर. राज्य सरकार ने महाशिवरात्रि के आयोजनों को लेकर एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किया है. राज्य के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने सभी जिलों के प्रशासकों को निर्देश दिया कि वे मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए मंदिरों और पूजा स्थलों पर सार्वजनिक समारोहों को लेकर अपने स्तर पर प्रतिबंध जारी कर सकते हैं. एसआरसी ने कहा है कि महाशिवरात्रि और उससे संबंधित अनुष्ठानों के उत्सव की अनुमति देते समय जिलाधिकारी, नगरपालिका आयुक्त मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए सभाओं को उस संख्या तक सीमित कर सकते हैं, जो उन्हें उचित समझ रहे हों. प्रतिबंधों पर निर्णय लेते समय जिलाधिकारियों को कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्त पालन के लिए मंदिरों और उनके परिसरों के भीतर उपलब्ध स्थानीय स्थितियों, पूजा स्थलों में प्रवेश करने या इकट्ठा होने पर विचार करने के लिए कहा गया है. एसआरसी के निर्देश में कहा गया है कि जिलाधिकारी और नगर आयुक्त अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, उत्सव या पूजा में भाग लेने के लिए व्यक्तियों की संख्या तय कर सकते हैं, लेकिन कोविद नियमों का उचित व्यवहार और मानदंडों का कड़ाई से पालन करना होगा. एसआरसी ने आगे निर्देश दिया है कि मंदिर परिसर के बाहर या भीतर मेला या भीड़ को जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित किया जा सकता है, ताकि बड़ी संख्या में लोग एकत्रित न हो सकें. ऐसे स्थानों पर भक्तों को कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसे कि फेस मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाये रखना और हाथों को धोना या सेनिटाइज सुनिश्चित करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि इस साल 1 मार्च, 2022 को मनाया जाएगा. इस अवसर के दौरान लोग आमतौर पर शिव मंदिरों और अन्य मंदिरों में शिवलिंग की पूजा करने के लिए आते हैं और पूरी रात उपवास और ध्यान करके इसका पालन करते हैं. पिछले कुछ दिनों में ओडिशा में कोविद के मामलों में बड़ी गिरावट देखने मिली है.