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नंदगांव गौशाला द्वारा भुवनेश्वर में गोबर से निर्मित गोबर काष्ठ से दाह संस्कार शुरू

  • कटक के खान नगर श्मशान घाट में पहले से ही सेवा जारी

  • अध्यक्ष कमल सिकारिया के नेतृत्व में गौशाला का हो रहा है चौमुखी विकास

शैलेश कुमार वर्मा, कटक

नंदगांव वृद्ध गौ सेवा आश्रम,  मंगराजपुर, चौद्वार, कटक द्वारा भुवनेश्वर स्थित सत्यनगर शमशान घाट पर गौमाता के पवित्र गोबर से निर्मित गोबर काष्ठ द्वारा दाह संस्कार सेवा प्रारंभ कर दी गई है. भुवनेश्वर निवासी वीरेंद्र मेहता का दिनांक 13 फरवरी को हृदय घात के कारण आकस्मिक निधन हो गया था. गौशाला के ज्ञान चंद नाहर ने उनके परिवार से सम्पर्क कर उन्हें गोबर काष्ठ से दाह संस्कार करने के लिए प्रेरित किया. मेहता परिवार ने इस नेक कार्य की स्वीकृति प्रदान की. 15 फरवरी प्रातः 9 बजे मेहता परिवार, संपूर्ण कटक एवं भुवनेश्वर के गुजराती, मारवाड़ी, सिख समाज गौशाला के अनिल चौधरी, अध्यक्ष कमल सिकरिया, सचिव पदम भावसिंहका, सहसचिव प्रकाश अग्रवाल (छोटू) एवं स्थानीय समाज के बंधुओं के उपस्थिति में गोबर काष्ठ द्वारा वीरेंद्र का दाह संस्कार किया गया.

मारवाड़ी युवा मंच भुवनेश्वर शाखा एवं सिख समाज ने इस कार्य को जारी रखने में पूर्ण सहयोग की जिम्मदारी ली. उपस्थित लोगों ने बड़े पवित्र भाव से गौशाला द्वारा किये जा रहे इस प्रयास की सराहना की. इस पवित्र कार्य की शुरुआत में सहयोग के लिये मेहता परिवार का आभार व्यक्त किया गया.

विगत 3 वर्षों से कटक के खान नगर स्थित शमशान घाट में गौशाला के अनिल चौधरी, विष्णु चौधरी तथा समाज बंधुओं के सहयोग से नंदगांव गौशाला द्वारा निर्मित गोबर काष्ठ द्वारा लगभग एक हजार से भी ज्यादा दाह संस्कार किया जा चुका है. गौशाला के अध्यक्ष कमल सिकारिया ने गोबर काष्ठ की  उपयोगिता की जानकारी देते हुए बताया की वैज्ञानिक एवं धार्मिक दोनों ही दृष्टि से गोबर काष्ठ का उपयोग अति महत्वपूर्ण है .पर्यावरण की सुरक्षा होगी जंगलों में पेड़ कटने से बचेंगे, जिसे सूखा एवं अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होंगी. गोबर काष्ठ से दाह संस्कार करने से प्रदूषण कम होगा. लकड़ी के मुकाबले खर्चा कम होगा एवं शव दाह में समय भी कम लगेगा वायु मंडल में आक्सीजन की वृद्धि होगी है.

 

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