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पंचायत चुनाव में फर्जी मतदाताओं के पकड़े जाने पर खैर नहीं

  •  ओडिशा चुनाव आयोग ने उठाया कड़ा कदम, जारी किया दिशानिर्देश

  •  पकड़े जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

भुवनेश्वर. ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान के समय पकड़े जाने पर फर्जी मतदाताओं की खैर नहीं होगी. राज्य चुनाव आयोग ने रविवार को नकली मतदाताओं को मतदान केंद्रों से दूर रहने के लिए आगाह किया और किसी अन्य मतदाता की जगह वोट डालने का प्रयास करते हुए पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी.
राज्य चुनाव आयोग के सचिव रवींद्र नाथ साहू ने कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदाता का नाम उस वार्ड की मतदाता सूची में होना चाहिए, जहां वह मतदान कर रहा है. अगर एक एजेंट को मतदाता की पहचान पर संदेह होता है, तो चुनौती दे सकता है. उसके लिए पोलिंग एजेंट को 2 रुपये की फीस पीठासीन अधिकारी के पास जमा करनी होगी. पीठासीन अधिकारी आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए साइट का निरीक्षण करेंगे. यदि विचाराधीन मतदाता असली पाया जाता है, तो शुल्क की राशि जब्त कर ली जाएगी और उसे वोट डालने की अनुमति दी जाएगी.
फर्जी मतदाताओं के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के बारे में साहू ने कहा कि अगर आरोप सही साबित होता है, तो एजेंट को शुल्क की राशि वापस कर दी जाएगी और नकली मतदाता को पुलिस को सौंप दिया जाएगा. यदि फर्जी मतदाता ने पहचान होने से पहले ही अपना वोट डाल दिया है, तो उसके वोट की गिनती नहीं की जाएगी.

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