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राजधानी में बीजद और भाजपा का विरोध प्रदर्शन

  •  उसना चावल को नहीं उठाने पर केंद्र सरकार पर बरसी बीजद

  •  भापजा ने किया पलटवार, मंडी कुप्रबंधन पर लोगों के गुस्से से बचने और मामले को शांत करने के लिए बनाया

भुवनेश्वर. ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अलग-अलग मुद्दों पर मंगलवार को राजधानी भुवनेश्वर में विरोध प्रदर्शन किया.
बीजद के नेता ओडिशा से अतिरिक्त उबले (उसना) चावल को उठाने की मांग को लेकर भुवनेश्वर में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने धरना दिया.
पार्टी ने बार-बार एफसीआई द्वारा ओडिशा से अतिरिक्त उबले हुए अधिशेष को नहीं उठाने का मुद्दा उठाया था, जिसमें कहा गया था कि यह ओडिशा के किसानों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा.
उधर, भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं ने महिला शिक्षिका ममीता मेहर की हत्या का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, नवीन निवास के आवास का घेराव करने का प्रयास किया.
नवीन निवास से संपर्क करने का प्रयास करने वाली भाजपा पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने शिशु भवन के पास रोक लिया. पुलिस घेरा तोड़ने की कोशिश करने वाले कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है.
केंद्र ने सौतेला रवैया दिखाया – बीजद
बीजद ने कहा कि राज्य 95 प्रतिशत उबले चावल का उत्पादन करता है और केंद्र को एफसीआई के माध्यम से चावल की खरीद करनी चाहिए, लेकिन केंद्र ने राज्य के प्रति सौतेला रवैया दिखाया है और मनमाने ढंग से अतिरिक्त उबले चावल की खरीद बंद कर दी है. पार्टी के नेताओं ने कहा कि केंद्र ओडिशा से 22 लाख मीट्रिक टन अधिशेष चावल नहीं उठा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि राज्य के भाजपा सांसद इस मुद्दे को क्यों नहीं उठा रहे हैं. क्या भाजपा ने केंद्र से अतिशीघ्र उबले हुए चावल को जल्द से जल्द उठाने की मांग की. आज के प्रदर्शन में कई किसानों ने बीजद को समर्थन दिया और विरोध में शामिल हुए.
भाजपा ने लगाया नाटक करने का आरोप
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने बीजद पर राज्यभर की मंडियों में प्रचलित धान खरीद में कथित कुप्रबंधन को दबाने के लिए उबले और कच्चे चावल पर नाटक करने का आरोप लगाया.
भाजपा नेता सुरथ बिस्वाल ने कहा कि पिछले तीन सालों से उबले और कच्चे चावल का ड्रामा चल रहा है. केंद्र ने साफ कह दिया है कि वह सारे चावल उठा लेगा, फिर राज्य सरकार उबले और कच्चे चावल को लेकर भ्रम क्यों पैदा कर रही है.
उन्होंने सवाल किया कि उबले हुए चावल की तुलना में कच्चे चावल की खपत पूरे देश में अधिक है. आवश्यकता के अनुसार चावल की खरीद के लिए राज्य, केंद्र और एफसीआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. फिर राज्य झूठ क्यों फैला रहा है. नाटक सिर्फ मंडी कुप्रबंधन पर लोगों के गुस्से से बचने और मामले को शांत करने के लिए बनाया किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि बीजद सांसद प्रसन्न आचार्य, अमर पटनायक, सस्मित पात्र और प्रशांत नंद ने हाल ही में राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उबले हुए चावल को कथित तौर पर नहीं उठाने का मुद्दा उठाया था और केंद्र से ओडिशा से अतिरिक्त उबले चावल उठाने की मांग की थी.

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