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मुंबई से मिलता है लोगों के बैंक का डाटा
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झारखंड से मास्टरमाइंड गिरोह को करता था नियंत्रित
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गिरफ्तार तीन आरोपियों से मिले सबूत का कार्रवाई कर रही है अपराध शाखा
भुवनेश्वर. हालही में खुलासा किये गये साइबर ठग गिरोह के मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है. यह जानकारी देते हुए क्राइम एडीजी संजीव पंडा ने कहा कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड झारखंड का है और इस मामले की जांच कर रही अपराध शाखा जल्द ही उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पंडा ने कहा कि इस गिरोह के सदस्य बेखौफ पीड़ितों को संदेश भेजते थे और उनके केवाईसी और बैंक खाते के विवरण की मांग करते थे.
उल्लेखनीय है कि भुवनेश्वर में जामताड़ा गिरोह से जुड़े तीन साइबर जालसाजों को पकड़ने के लगभग एक हफ्ते बाद ओडिशा अपराध शाखा ने सिंडिकेट के मास्टरमाइंड के झारखंड से लिंक का पता लगाया है. जामताड़ा गिरोह के अपराधी फिलहाल क्राइम ब्रांच की हिरासत में हैं जहां उन्होंने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर रिंग लीडर के बारे में खुलासा किया था. क्राइम ब्रांच को गिरोह के सदस्यों से उनके ऑपरेशन के बारे में महत्वपूर्ण सबूत भी मिले हैं. अपराध शाखा के अतिरिक्त महानिदेशक संजीव पंडा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मास्टरमाइंड ने झारखंड से गिरोह को नियंत्रित किया और अंजाम दिया. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने आगे कहा कि मुंबई में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा गिरोह को लोगों के बैंक खाते का विवरण उपलब्ध कराया जा रहा था. इसके अलावा पंडा ने लोगों को सतर्क रहने और निजी कॉल करने वालों को फोन कॉल पर डेटा साझा नहीं करने की भी चेतावनी दी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी फोन कॉल पर ओटीपी या केवाईसी विवरण साझा नहीं करना चाहिए. उन्होंने लोगों से ऐसी किसी भी धोखाधड़ी वाली कॉल की सूचना राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर देने का आग्रह किया.
पंडा ने कहा कि हमने झारखंड के 3 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान हमने उनसे आईएमईआई और सिम नंबरों का विवरण प्राप्त किया और उन्हें दूसरे राज्यों में भेज दिया. उसके बाद हमें उनके खिलाफ दर्ज मामलों का विवरण मिला.
पंडा ने कहा कि अब तक हमने उनके खिलाफ 7 राज्यों में 55 मामले दर्ज किए हैं. हमने मुंबई में उस व्यक्ति का विवरण भी प्राप्त किया है, जिससे उन्होंने बैंकिंग विवरण प्राप्त किया था. हमने व्यक्ति को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.