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माघ सप्तमी के अवसर पर जलाशयों में स्नान की अनुमति नहीं
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लोगों को परिवार के सदस्यों के साथ घर पर सरस्वती पूजा करने की सलाह
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना के हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने सरस्वती पूजा और माघ सप्तमी (माघ पूर्णिमा) के सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) के कार्यालय द्वारा आज जारी किए गए नये कोविद दिशानिर्देश में सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाये जाने की जानकारी दी गयी है. हालांकि यह भी कहा गया है कि सरस्वती पूजा भक्तों की भागीदारी के बिना मंदिरों और धार्मिक स्थानों में मनाई जाएगी. शैक्षिक संस्थानों में सरस्वती पूजा की अनुमति दी जाएगी, जिसमें सीमित संख्या में छात्रों की भागीदारी होगी तथा कोविद नियमों का उपयुक्त पालन सुनिश्चित करना होगा. सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वे परिवार के सदस्यों के साथ घर पर सरस्वती पूजा के अवसर पर अनुष्ठान करें और सामूहिक समारोहों से बचें. साथ ही कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें. इसके साथ ही दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान पूजा से जुड़े किसी भी सामुदायिक भोज की अनुमति नहीं दी जाएगी. सरस्वती पूजा के अवसर पर कोई संगीत या कोई अन्य मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.
इसके अलावा, माघ सप्तमी या माघ पूर्णिमा के अवसर पर और अगले दिन नदी के घाटों, तालाबों और समुद्र के किनारे या अन्य जलाशयों के पास स्नान करने के लिए अनुमति नहीं होगी. हालांकि, भक्तों की भागीदारी के बिना मंदिर के अंदर माघ मेला और माघ सप्तमी पर अनुष्ठान की अनुमति है. धार्मिक सभाओं और समारोहों की सख्त मनाही है.
एसआरसी कार्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट, नगर आयुक्त, पुलिस आयुक्त, भुवनेश्वर-कटक अपने क्षेत्र के अधीन चर्चों, मंदिरों, मस्जिदों, धार्मिक स्थलों, पूजा स्थलों में भक्तों के प्रवेश पर उचित प्रतिबंध लगा सकते हैं.
साथ ही यह कहा गया है कि कलेक्टर और नगर आयुक्त अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, उत्सव और पूजा में भाग लेने के लिए व्यक्तियों की संख्या तय कर सकते हैं, लेकिन कोविद के उचित व्यवहार और मानदंडों का कड़ाई से पालन करना होगा.