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25 गरीब आदिवासियों के घर के लिए खरीदी 40 लाख की जमीन
भुवनेश्वर. अक्सर आपने इंजीनियरों की कमाई के बारे में सुना होगा, लेकिन दरियादिली के बारे नहीं. एक ऐसा ही दरियादिल इंजीनियर देखने को मिला है, जिसने अपने रुपये से दरियादिली रुपी इमारत की नींव रखते हुए उद्योपतियों और करोड़पतियों को लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है. इसने 25 गरीब आदिवासियों के घर के लिए 40 लाख रुपये की जमीन खरीदी है. अब तक जमीन के लिए बाप-बेटा, भाई-भाई के बीच में लड़ाई आम बात हो गई है. खूनी संघर्ष देखने को मिलता है. मामला कोर्ट तक जाता है, मगर जगतसिंहपुर प्रखंड के खेरास इलाके के इंजीनियर प्रीतिरंजन महाराणा ने 40 लाख रुपये की जमीन खरीदकर आदिवासी भूमिहीनों को घर बनाने के लिए दे दी. 25 आदिवासी परिवार को उन्हें घर दिलाने के लिए उन्होंने अपनी कमाई से 27 डिसमिल जमीन खरीदी, जिसकी आज बाजार में कीमत 40 लाख रुपये बताई गई है. प्रीतिरंजन की आयु वर्तमान समय में 55 साल है. वह कटक में रहते हैं. उनके पिता एक लोकप्रिय शिक्षक थे. पिता के निधन होने के बाद अपनी मां की देखरेख करने लिए प्रीतिरंजन कभी-कभी गांव आते थे. चार-पांच साल पहले वह ऐसे ही गांव में घूमने के लिए आए थे और कुछ दिनों तक अपने घर पर रुके थे. सुबह के समय जब वह अपने गांव में घूमने निकले तो उनसे एक आदिवासी परिवार के युवक ने मुलाकात की. युवक ने उनसे बताया कि वह भूमिहीन है और उसे घर बनाने के लिए सरकार से जमीन नहीं मिल रही है. इसके बाद प्रीतिरंजन ने उक्त युवक को जमीन खरीदकर देने का आश्वासन दिया. इस युवक को जमीन तलाशने में एक साल से अधिक का समय लग गया. इसके बाद पाटेणी गांव स्थित त्रिनाथ मंदिर के पास 27 डिसमिल जगह मिल गई. इस जमीन के बारे में उसने प्रीतिरंजन को जानकारी दी और वह जमीन खरीदने के लिए राजी हो गए. हालांकि उन्होंने इस जमीन के कागजात तैयार करने के लिए जिस युवक को कहा, वह युवक उन्हें ठगने के चक्कर में पड़ गया. इसके बाद प्रीतिरंजन खुद गांव में आए और जमीन खरीदकर गांव के आदिवासी भूमिहीन परिवार रेवती देई, बालमा मुंडा, शुकराम सिंह, मधु नायक, लेम्ब हेम्ब्रम, लुसा टुडू, जगन्नाथ दास, लुडू सिरिका, मकरा सिरिका, रीता पूर्ति, गोविन्द चन्द्र चांपिया, अर्जुन चाम्पिया, बापिना चाम्पिया, रामसिंह मुंडा, बचन नायक, कृष्ण नायक, लेम्ब हेम्ब्रम, गोलाप सिंह, पप मुंडा, सावित्री मुंडा, पद्मिनी नायक एवं सागर चाम्पिया आदि के नाम पर प्रीतिरंजन ने जमीन खरीदकर लिख दी. प्रीतिरंजन का कहना है कि भगवान की कृपा से हमारा परिवार बहुत ही अच्छे से जीवन यापन कर रहा है. घर के पास रहने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए हमने यह काम किया है. सभी के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है. उन्होंने कहा है कि इस जगह पर यह गरीब आदिवासी परिवार के लोग किस प्रकार से घर बनाएगा, उसके लिए प्रशासन से कदम उठाने के लिए हमने अनुरोध किया है.
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